सर्वदलीय बैठक में उठा महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा, क्षेत्रीय दलों ने सरकार से की यह अपील
नई दिल्ली, एजेंसी। संसद के विशेष सत्र से एक दिन पहले रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक की। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष समेत कई दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश करने पर जोर दिया। बैठक में कई नेताओं ने कहा कि लंबे समय से लंबित इस विधेयक को पेश किया जाना चाहिए। इसे आम सहमति से पारित किया जा सकता है। विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने का प्रावधान है।
बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पहले दिन सत्र पुराने संसद भवन में चलेगा। अगले दिन यानी 19 सितंबर को पुराने संसद में फोटो सेशन होगा। फिर 11 बजे सेंट्रल हॉल में एक समारोह होगा। उसके बाद हम नई संसद में प्रवेश करेंगे। नई संसद में 19 को संसद का सत्र चलेगा और 20 से नियमित सरकारी कामकाज होगा।
इससे पहले सर्वदलीय बैठक में बीजू जनता दल (बीजद) और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) समेत कई क्षेत्रीय दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश करने पर जोर दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा में सदन के उपनेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राज्यसभा में सदन के नेता प्रह्लाद जोशी ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) नेता एच.डी. देवेगौड़ा, द्रमुक सांसद कनिमोझी, तेदेपा के राम मोहन नायडू, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, बीजद के सस्मित पात्रा, बीआरएस नेता के. केशव राव, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी. विजयसाई रेड्डी, राजद के मनोज झा, जदयू के अनिल हेगड़े और समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने बैठक में हिस्सा लिया।
लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों को समूह में तस्वीर खिंचवाने के लिए मंगलवार को आमंत्रित किया गया है। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक, सभी सांसदों को समूह में तस्वीर खिंचवाने के लिए मंगलवार को सुबह नौ बजकर 30 मिनट पर आमंत्रित किया गया है। सांसदों को संसद की नई इमारत में दाखिल होने के लिए नया पहचान पत्र जारी किया गया है।