अंकिता भंडारी के हत्यारोपी अलग-अलग बैरकों में बंद

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : अंकिता भंडारी के हत्यारोपी पौड़ी जिला कारागार खांड्यूसैंण में बंद है। लक्ष्मणझूला पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल तीनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार करते हुए बीती 23 सितंबर को कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट में पेश किया था।
जहां कोर्ट ने तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। इस हत्याकांड में शामिल पुलकित, अंकित और सौरभ को पुलिस 23 सितंबर की रात को ही पौड़ी जिला कारागार खांड्यूसैंण ला गई थी। जेल प्रशासन ने कारागार में इन तीनों ही आरोपियों को अलग-अलग बैरक में बंद किया गया है। हालांकि जेलर डीपी सिन्हा के अनुसार जो भी कैदी बाहर से जेल में दाखिल होते हैं, उन्हें करीब 10 दिन तक अलग-अलग बैरक में ही रखा जाता है। ऐसा कोविड के मद्देनजर भी किया जाता है। ताकि बाहर से आने वाले कोई कैदी कोविड संक्रमित हो तो ऐसे में अन्य कैदियों को कोविड न हो सके।

वारदात से जुड़े हर पहलु पर काम रही एसआईटी
एसआईटी ने रिजॉर्ट में काम करने वाले और काम कर चुके कर्मचारियों की लिस्ट तैयार कर ली है। इनसे अब पूछताछ की जाएगी। एसआईटी प्रभारी ने बताया कि सख्ती से पूछताछ की जाएगी। रिजॉर्ट कैसे चल रहा था, इसकी भी जांच एसआईटी करेगी। वारदात से जुड़े हर पहलु पर एसआईटी काम कर रही है।

फोन कॉल और चैट की डिटेल साक्ष्य अहम रहेंगे
जानकार बातते हैं कि हत्या की जगह रिजार्ट नहीं थी। चीला नहर है। आरोपियों की निशानदेही पर नहर से शव रिकवर भी किया गया है। जानकार बताते हैं कि यदि हत्या के आरोपियों की बताई जगह पर शव मिलता है तो यह अहम सबूत माना जाता है। यदि बॉडी नहीं मिलती तो केस कमजोर हो सकता था। फोन कॉल और चैट की डिटेल जैसे इलेक्ट्रानिक साक्ष्य अहम रहेंगे।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
जांच के लिए गठित एसआईटी ने शनिवार से ही जांच शुरू कर दी थी। आरोपियों को रिमांड पर नहीं लेने के सवाल पर एसआईटी प्रभारी ने कहा कि विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है, जो रिपोर्ट आई है वह प्रोविजनल है। इसमें चोट के निशान और डूबने से मौत की बात सामने आई है। चोट कब लगी, किस तरह से लगी रिपोर्ट से पता चलेगा।

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