गर्मी में सूखी गई थी झील, वर्षा से लौटी भुल्लाताल की रौनक
गर्मी में झील सूखने के बाद सेना ने बंद कर दी थी वोटिंग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लैंसडौन आने वाले पर्यटकों के लिए भुल्लाताल वोटिंग के लिए एक बेहतर स्थान है। लेकिन, गर्मी के कारण पिछले कई माह से भुल्ला ताल की झील सूख गई थी। जिसके कारण सेना ने झील में वोटिंग बंद कर दी थी। ऐसे में अब वर्षाकाल में एक बार फिर भुल्लाताल की रौनक लौट गई है। भुल्लाताल एक वार फिर वोटिंग के लिए खोल दिया गया है। इससे पर्यटकों में काफी उत्साह बना हुआ है।
पर्यटक नगरी लैंसडौन पर्यटकों के लिए एक बेहतर स्थान है। यहां का मौसम पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लैंसडौन आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद भुल्लाताल है। इस वर्ष मई में गर्मी अधिक होने के कारण भुल्लाताल झील का पानी सूखने के कारण सेना को वोटिंग बंद करनी पड़ी। दरअसल, झील प्राकृतिक न होकर कृत्रिम है। इसलिए झील में दोबारा वोटिंग शुरू करने के लिए सभी की निगाहे वर्षा पर ही टिकी थी। ऐसे में जुलाई माह से शुरू हुई बारिश से झील दोबारा भरने लगी। पर्यटक एक बार फिर झील में वोटिंग का आनंद लेने लगे हैं। मालूम हो कि एक माह पूर्व झील सूखने के कारण पर्यटक निराश होकर लौट रहे थे। सेना ने न्यूनतम शुल्क में झील तक आने की अनुमति तो दी थी। लेकिन,वोटिंग नहीं पा रही थी।
पर्यटकों की संख्या हुई कम
कुछ सप्ताह पूर्व तक जहां मैदानी क्षेत्रों में भीषण गर्मी हो रही थी। वहीं, लैंसडौन का मौसम मन को मोह रहा था। जिससे यहां पर्यटकों की लगातार संख्या बढ़ती जा रही थी। वहीं, वर्षाकाल में पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बंद हो रही सड़कों के कारण पर्यटक लैंसडौन व अन्य क्षेत्रों में आने से भी घबरा रहा है। नतीजा, वर्षाकाल में पर्यटकों की संख्या कम हो गई है।