एक घर से उठी मामा, मामी व भांजे की अर्थी

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ग्रामीणों ने गमगीन माहौल में किया मृतकों का अंतिम संस्कार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: बस हादसे में रसूलपुर गांव के चार ग्रामीणों की मौत हुई है। इनमें मामा, मामी, भांजे की अर्थी एक घर से उठी। जबकि चौथा एक परिवार का सदस्य है। तीसरे दिन शवों के पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने गमगीन माहौल में मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया है।
लालढांग से गई बरात में रसूलपुर गांव से पांच लोग गए थे। सभी दूल्हे के रिश्तेदार हैं। इनमें चार लोगों की मौत हादसे में मौत हो चुकी है। केवल एक चार साल की बच्ची शिवानी ही गांव से गए बरातियों की बस हादसे से सुरक्षित बची है। मृतकों में दूल्हे के रिश्तेदार मुकेश पुत्र छोटेलाल 36 वर्ष हैं। जबकि गुड़िया पत्नी अनिल (29) गुड़िया के जेठ संगीत पुत्र भूरानाथ (36) और संगीत का भांजा पंकज पुत्र गोविंद है। बृहस्पतिवार सुबह करीब 8:30 बजे गांव में एक साथ चार शवों के पहुंचते ही परिजनों में हाहाकार मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिजनों और ग्रामीणों की ओर से तीन शवों को हरिद्वार के चंडीघाट श्मशान घाट पर ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

मुकेश की अंतिम इच्छा की पूरी
मृतक मुकेश को नदी किनारे भू-समाधि दी गई है। रसूलपुर के ग्रामीणों ने बताया कि मुकेश अविवाहित था। और वह पहले ही अपनी मौत के बाद अंतिम संस्कार करने की बजाय समाधि देने की बात कहता था। मुकेश एक संप्रदाय विशेष से जुड़े था। ग्रामीणों ने बताया कि पहले उन्हें चंडी घाट श्मशान घाट की तरफ अंतिम संस्कार करने के लिए चल दिए थे लेकिन फिर एक युवक ने यह बात उन्हें बताई। इसके बाद मुकेश को वहां न ले जाकर भू-समाधि देकर उसकी अंतिम इच्छा पूरी की गई। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने लालढांग पहुंचकर बस दुर्घटना के पीड़ित परिवारजनों को ढांढस बंधाया।
बंद रहा बाजार
दुर्घटना की खबर के बाद से लालढांग का अधिकांश बाजार बंद रहा। हर कोई अपनों को खोने से दुखी था। अधिकांश घरों में चूल्हा भी नहीं जला। सभी मृतकों के घर पहुंचकर स्वजनों को ढांढस दे रहे थे। हर तरफ केवल चीख-पुकार ही सुनाई दे रही थी।

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