ब्लैक फंगस का प्रकोप प्रदेश में पकड़ रहा रफ्तार
हल्द्वानी। राज्य में ब्लैक फंगस धीरे-धीरे ही सही, पांव पसारता जा रहा है। एक माह में इसके मरीजों की संख्या तकरीबन दो गुनी हो चुकी है। अधिक चिंता वाली बात यह है कि ब्लैक फंगस के भर्ती मरीजों में करीब एक तिहाई की मौत हो जा रही है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों के साथ-साथ अस्पतालों को भी इलाज के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतने की अपील की है। उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के मरीज मई से ही सामने आने शुरू हो गए थे। देश में लगातार ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने भी ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। कुमाऊं में सबसे पहला मरीज यूएस नगर से एसटीएच में भर्ती हुआ था। करीब दो माह बाद भी ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं। एक जून को राज्य में जहां ब्लैक फंगस रोगियों की संख्या 237 थी, जो एक जुलाई को 499 पहुंच गई।
11 जुलाई की स्थिति: 11 जुलाई तक राज्य में 523 ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं। इसमें 104 की मौत हुई है, जबकि 120 लोग डिस्चार्ज किए गए है। एक जुलाई को इनकी संख्या 499 थी। स्वास्थ्य विभाग के एक जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार राज्य में सबसे ज्यादा 331 ब्लैक फंगस के मरीज ऋषिकेश में भर्ती हुए। इसके बाद जौलीग्रांट अस्पताल में 48 और तीसरे नंबर एसटीएच रहा, जहां 33 मरीज भर्ती किए गए।