शहीद योगंबर की अतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब
जम्मू के पूंछ जिले में आतंकी मुठभेड में शहीद हुए थे चमोली के योगंबर
शहीद की अंतिम यात्रा में दिखा पाकिस्तान व आतंकवाद के खिलाफ लोगों का गुस्सा
जयन्त प्रतिनिधि
चमोली। जम्मू के पूंछ जिले में आतंकियों से हुई मुठभेड के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले चमोली जिले के सांकरी गांव निवासी सैनिक योगंबर सिंह का रविवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। शहीद की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण भी शामिल हुए। अंतिम यात्रा के दौरान लोगों में पाकिस्तान व आतंकवाद के खिलाफ भी गुस्सा दिखाई दिया।
रविवार सुबह योगंबर सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव सांकरी पहुंचा। बेटे को का शरीर तिरंगे पर लिपटा देख हर किसी की आंखें भर आई। शहीद बेटे की अंतिम यात्रा में सैकडों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड पडा। लोगों ने ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, योगंबर तेरा नाम रहेगा‘ के नारे भी लगाए और नम आंखों से उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। विकासखंड पोखरी के सांकरी गांव निवासी राइफलमैन योगंबर सिंह पुत्र बीरेन्द्र सिंह भंडारी 17 गढवाल राइफल्स में तैनात थे। वह में सेना की 48 आरआर रेजीमेंट में जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर थे। पूंछ जिले में 14 अक्टूबर की रात को चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों से मुठभेड में योगंबर सिंह वीरगति को प्राप्त हुए। शहीद सैनिक की अंतिम विदाई में सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी। हर कोई ग्रामीण योगंबर के साथ बिताए पलों को याद कर भावुक नजर आ रहा था। ग्रामीणों का कहना था कि योगंबर गांव के हर व्यक्ति के सुख-दुख में खड़े रहने वाले व्यक्ति थे। कहा कि देश की रक्षा में दिया गया योगंबर का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।