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आजीवन कारावास की सजा काट रहा कैदी अब देगा एंट्रेंस परीक्षा , बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी इजाजत

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मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी को अस्थायी जमानत दे दी है। यह मोहलत उसे इसलिए दी गई है ताकि वह 30 मई को होने वाली अपनी लॉ की प्रवेश परीक्षा में बैठ सके। जस्टिस एन आर बोरकर और जस्टिस सोमशेखर सुंदरेशन की पीठ ने यह फैसला लिया है।सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा है कि दोषी लगभग 9 सालों से जेल में बंद है। इस दौरान उसे पहले भी कई बार जमानत मिल चुकी है, लेकिन उसने कभी भी मिली हुई आजादी का दुरूपयोग नहीं किया है। कोर्ट ने अपने दिए गए आदेश में भी इस बात का उल्लेख किया है। कैदी ने अपनी प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए एक हफ्ते की अस्थायी जमामत का आवेदन किया था। कोर्ट ने उसके पिछले बर्ताव को देखते हुए और साथ ही पंद्रह हजार रूपए की जमानत राशि पर उसे रिहा कर दिया है।जस्टिस बोरकर और सोमशेखर ने आवेदक की सभी दलीलें सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि “आवेदक लगभग नौ सालों से जेल में है ’ यह भी मालूम पड़ता है कि मुकदमे के दौरान वह कुछ समय के लिए जमानत पर भी रहा है। लेकिन उसने उस दौरान कभी भी अपनी आजादी का फायदा नहीं उठाया है।”न्यायालय ने इस फैसले में शिक्षा के महत्व पर भी जोर डाला है। उन्होंने कहा कि यह परीक्षा उसके बेहतर भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है। कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए कहा कि ” सभी बातों को ध्यान में रखते हुए , हम आवेदक को एक सप्ताह की अवधि के लिए अस्थाई जमानत पर रिहा करने का समर्थन करते हैं।”बता दें कि साल 2021 के दिसंबर महीने में आवेदक को आईपीसी की धारा 302 ( हत्या के अपराध) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस केस में वह अब तक लगभग नौ साल जेल में बिता चुका है।आवेदक की ओर से केस लड़ रहे एडवोकेट इरफान शब्बीर उनवाला ने उसकी कम उम्र और अच्छे वार्ताव का हवाला देते हुए कोर्ट के सामने अपील की थी। उन्होंने कैदी का प्रवेश पत्र भी आवेदन के साथ कोर्ट में पेश किया था।

 

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