कोटद्वार-पौड़ी

धीमी गति से हो रहा बांघाट पुल की मरम्मत कार्य, ग्रामीणों में आक्रोश

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : दो सालों से भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित बांघाट पुल की मरम्मत का कार्य धीमी गति से चल रहा है। जिससे कांसखेत, देवप्रयाग जाने वाले लोगों को नदी के किनारे व बीच में बने रेत बजरी से बने रास्ते से जाना पड़ रहा है। जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि 15 महीने पहले जिलाधिकारी पौड़ी द्वारा पुल की मरम्मत के लिए बजट जारी कर दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक पुल का मरम्मत कार्य पूरा नहीं हो पाया है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
हजारों की आबादी को जोड़ने वाले नयार नदी पर बने पुल के बंद होने से ग्रामीणों को कई महीनों से अपनी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही थी। फिलहाल नदी पार जाने के लिए नयार नदी के किनारे व बीचों बीच रेत बजरी से कच्चा रास्ता बनाया गया है। जिसमे होकर गुजर रहे वाहनों को एक लंबा टर्न लेना पड़ रहा है, साथ ही वाहनों को भी क्षति पहुंच रही है। सतपुली से बांघाट को जोड़ने वाले बांघाट पुल पिछले काफी समय से क्षतिग्रस्त था। करीब 50 साल पुराना यह लौहे से बना पुल पैदल आवागमन के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा था। पुल की मरम्मत के लिए बजट उपलब्ध न होने व भारी वाहनों से पुल को और अधिक खतरा देख प्रशासन की ओर से इस पुल को भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि पुल पर अन्य वाहनों की आवाजाही जारी थी। क्षेत्र जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों द्वारा पुल की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से शासन से बजट की मांग की गई थी। लेकिन शासन द्वारा अभी तक इसके लिए बजट स्वीकृत न करने से इसकी मरम्मत में देरी होती रही। जिलाधिकारी पौड़ी डा. आशीष चौहान ने जिला खनिज न्यास से इस पुल की मरम्मत के साथ ही भार क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया और इसके लिए 1 करोड़ 94 लाख 29 हजार के बजट का प्रावधान किया गया है।

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