एलएसी पर चीन द्वारा बसाए गए गांव को भारत ने बताया अवैध कब्जा, कहा- यह मंजूर नहीं

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नई दिल्ली, एजेंसी। चीन द्वारा विवादित क्षेत्र में एक बड़े गांव के निर्माण पर अमेरिकी रिपोर्ट पर अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया में, भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने अपने क्षेत्र पर इस तरह के अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है और देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक नियमित न्यूज में कहा कि भारतीय पक्ष ने दशकों से अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों में चीन की निर्माण गतिविधियों के मद्देनजर सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों और पुलों सहित बुनियादी ढांचे के निर्माण को आगे बढ़ाया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में चीन के भारत-चीन सीमा के पास निर्माण कार्यों की जानकारी दिए जाने पर गुरुवार को कहा कि बीजिंग ने पहले भी सीमा से सटे इलाकों में निर्माण कार्य किए हैं। इसमें बीते कुछ दशकों में अवैध रूप से कब्जा किया गया क्षेत्र शामिल है। उन्होंने कहा, भारत ने न तो हमारे क्षेत्र पर इस तरह के अवैध कब्जे को स्वीकार किया है, न ही चीन के अनुचित दावों को माना है।
बागची के मुताबिक सरकार ने हमेशा राजनयिक माध्यम से ऐसी गतिविधियों का कड़ा विरोध किया है। वह भविष्य में भी ऐसा करती रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सीमा के बुनियादी ढांचे को भी बढ़ाया है, जिसमें सड़कों और पुलों का निर्माण शामिल है। इन ढांचों ने सीमा पर स्थानीय आबादी को बहुत जरूरी संपर्क प्रदान किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार आजीविका में सुधार के मकसद से अरुणाचल प्रदेश सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्घ है। सरकार भारत की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले विकास पर लगातार नजर रखे हुए है। वह देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी उपाय कर रही है।

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