शहीद विभूति की पत्नी भी देश सेवा की राह पर, बनी सेना में लेफ्टिनेंट
देहरादून। फरवरी 2019 के पुलवामा हमले में शहीद हुए पति मेजर विभूति शंकर डौंडियाल के पदचिह्नों पर चलते हुए निकिता कौल सेना में आज लेफ्टिनेंट बन गई हैं। नितिका कौल ने चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में पासिंग आउट परेड में कहा कि ¡मैंने उसी यात्रा का अनुभव किया है, जिससे वह गुजरे हैं. मेरा मानना है कि वह हमेशा मेरे जीवन का हिस्सा बनने जा रहे हैं¡। इस दौरान सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने निकिता की वर्दी पर स्टार लगाते हुए शुभकामनाएं दी। असल जिंदगी में भले ही शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के साथ निकिता कौल ने बतौर पत्नी सिर्फ 10 माह का समय बिताया हो, लेकिन शहीद होने के बाद निकिता ने विभूति के लिए सेना की वर्दी पहनकर सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि दी है। आज निकिता ने तमिलनाडु के चेन्नई में कड़ी मेहनत के बाद विधिवत पासिंग आउट परेड में सेना की वर्दी पहन ली है। सेना के अधिकारियों की प्रशिक्षण अकादमी में सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उनके कंधों पर स्टार लगाए। रक्षा मंत्रालय ने इसका एक वीडियो शेयर किया है। वहीं, नितिका कौल ने चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में पासिंग आउट परेड में कहा, मैंने उसी यात्रा का अनुभव किया है, जिससे वह गुजरे हैं। मेरा मानना है कि वह हमेशा मेरे जीवन का हिस्सा बनने जा रहे हैं। बता दें मेजर विभूति शंकर फरवरी 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे और राष्ट्र के लिए उनके बलिदान को लेकर उन्हें शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया था। आज रक्षा मंत्रालय, उधमपुर के जन संपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस समारोह का एक संक्षिप्त वीडियो साझा किया है। पीआरओ उधमपुर ने ट्वीट किया, ¡पुलवामा में प्राण न्योछावर करने वाले मेजर विभूति शंकर को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उन्हें सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि देते हुए आज उनकी पत्नी निकिता कौल ने सेना की वर्दी पहन ली। यह उनके लिए गर्व का मौका होगा, क्योंकि सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट वाई के जोशी ने उनके कंधे पर स्टार लगाए। ¡
पति के अधूरे सपने करेंगी पूरी
देहरादून निवासी मेजर विभूति ढौंढियाल 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। उनके शहीद होने के बाद उनकी पत्नी निकिता ने पति के सपने को पूरा करने के लिए सेना में जाने का मन बनाया। निकिता ने दिसंबर 2019 में इलाहाबाद में वूमेन एंट्री स्कीम की परीक्षा दी थी। जिसमें वह पास हो गई थीं।
तीन बहनों का इकलौता भाई था विभूति
मेजर विभूति की शादी 18 अप्रैल 2018 को हुई थी। 19 अप्रैल को पहली बार पत्नी निकिता को लेकर वह डंगवाल मार्ग स्थित अपने घर पहुंचे थे। इसके ठीक दस माह बाद मेजर विभूति शहीद हो गए थे। विभूति के पिता स्व. ओमप्रकाश ढौंडियाल के चार बच्चे थे। इनमें तीन बेटियां और सबसे छोटा बेटा विभूति था। शहीद मेजर विभूति को बचपन से ही सेना में जाने का जुनून था। कक्षा सात से ही विभूति ने सेना में जाने की कोशिशें शुरू कर दी थीं। जब वे सातवीं कक्षा में थे तब उन्होंने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में भर्ती की परीक्षा दी। लेकिन चयन नहीं हुआ।12वीं में एनडीए की परीक्षा दी। लेकिन चयन नहीं हुआ। ग्रेजुएशन के बाद उनका चयन हुआ और ओटीए चेन्नई में प्रशिक्षण हासिल किया। वर्ष 2012 में पासआउट होकर उन्होंने कमीशन प्राप्त किया।