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उत्तराखंड में नई सरकार के शपथ ग्रहण में हो सकती है देरी, ज्योतिषविदों की मानें तो होलाष्टक-ताराअस्त पर शुभ कार्य वर्जित

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देहरादून। उत्तराखंड में नई सरकार के शपथ ग्रहण में होलाष्टक के कारण देरी हो सकती है। इस समय ताराअस्त भी है। ज्योतिषविदों के मुताबिक होलाष्टक और ताराअस्त होने के चलते इस दौरान शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। दस मार्च से 17 मार्च तक होलाष्टक है। अगला शुभ मुहूर्त 21 मार्च को होगा।
उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता आचार्य विजेन्द्र ममगाईं के मुताबिक होलाष्टक में शुभ कार्य उचित नहीं हैं। ज्योतिषाचार्य डा़सुशांत राज के मुताबिक होलाष्टक के खत्म होने के बाद जो शुभ मुहुर्त है, वह 21 मार्च सोमवार को सर्वार्थ सिद्घि योग गणेश चतुर्थी को पड़ रहा है। अभिजीत मुहुर्त दोपहर 12:04 से 12:52 बजे तक और अमृतकाल 1:08 से 2:40 बजे तक रहेगा। होलाष्टक के बीच शुभ मुहुर्त की एक संभावना आमलकी एकादशी पर बनती है।
इस दिन पुष्य नश्रत्र व संक्रांति का सर्वार्थ सिद्घि योग भी है। सुबह नौ बजे से दोपहर 1:28 बजे तक के समय में एक मुहूर्त मौजूद है। लेकिन इसके लिए भी बहुत जरुरी होने पर ही ज्योतिषविद विष्णु जी की स्तुति, पूजा, हवन करने की सलाह देते हैं। 22 मार्च को श्रीवत्स योग का शुभ मुहूर्त है। भाजपा के ज्यादातर नेता ज्योतिष पर विश्वास करते हैं, इसलिए शायद वे इस दौरान नया पद ग्रहण या शपथ ग्रहण से बचें।
नई सरकार का शपथ ग्रहण अब राजभवन में होने की संभावनाएं कम ही नजर आ रही हैं। पहले राजभवन में वसंतोत्सव के पंडाल में ही शपथ की संभावना जताई जा रही थी। इसके लिए पंडाल हटाने का काम गुरुवार को रोका भी गया, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा तय होने में लग रहे समय को देखते हुए अब टैंट हटाने का काम शुरू हो गया है।
राजभवन परिसर वसंतोत्सव के आयोजन से अस्त व्यस्त हो गया है। इस कारण यहां शपथ ग्रहण समारोह की संभावना कम है। समारोह के लिए जगह की गुजारिश यूं तो शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री की तरफ से की जाती है, लेकिन इस पर अंतिम सहमति राजभवन की तरफ से दी जाती है।

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