उत्तराखंड

पांच सालों में इस बार सबसे ज्यादा तीर्थयात्रियों की हुई मौत, 311 की गई जान

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रुद्रप्रयाग। कोविड महामारी के कारण दो साल बाद इस बार चारधाम यात्रा बिना किसी रोकटोक के संचालित हुई है। तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुले जबकि केदारनाथ धाम के 6 मई और बदरीनाथ के कपाट 8 मई को खुले थे। यात्रा शुरू होते ही चारधामों में दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ी रही। चारधाम यात्रा में इस बार जहां तीर्थयात्रियों ने नया रिकर्ड बनाया। वहीं, चारों धामों के यात्रा मार्गों पर तीर्थयात्रियों की मौत का आंकड़ा बढ़ा है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक केदारनाथ धाम में 135, बदरीनाथ में 75, यमुनोत्री में 80 और गंगोत्री धाम के रूट पर 21 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। सरकार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा रूटों पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 180 से अधिक डक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किया गया था, लेकिन केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के लिए पैदल चढ़ाई करते समय हार्टअटैक से भी तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
चारधाम यात्रा मार्गों पर तीर्थयात्रियों की मौतें बढ़ने पर सरकार ने स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिए। जिसके बाद विभाग नेाषिकेश समेत यात्रा पड़ाव पर तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य का परीक्षण शुरू किया। जो यात्री स्वस्थ नहीं थे, उन्हें यात्रा न करने की सलाह दी।
चारधाम यात्रा में इस बार तीर्थयात्रियों ने रिकर्ड बनाया गया। अब तक बदरीनाथ धाम में 15़14 लाख, केदारनाथ धाम में 14़25, गंगोत्री में 6़0 लाख, यमुनोत्री में 4़73 लाख से अधिक यात्री दर्शन कर चुके हैं।

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