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मोदी सरकार 3.0 में यह होगा बड़ा राजनैतिक एजेंडा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तैयार की सियासी पिच

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नई दिल्ली, एजेंसी। भाजपा ने अगले कुछ सालों के लिए एक बड़ा सियासी मुद्दा और महत्वपूर्ण राजनीतिक पिच तैयार की है। जिसके आधार पर आने वाले दिनों में भाजपा अपनी नीतियों के मुताबिक एक बड़ा रिफॉर्म कर सकती है। राजनीतिक जानकारों की मानें अगर भाजपा तीसरे टर्म में केंद्र में सत्ता में आती है, तो उसका सबसे बड़ा पॉलिटिकल एजेंडा जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना हो सकता है। सियासी गलियारों में भाजपा की ओर से पहले ही इसकी सुगबुगाहट हो चुकी है। रही सही अंतिम कसर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की जनसंख्या वृद्धि से होने वाली चुनौतियां से निपटने के लिए कमेटी के गठन की घोषणा से पूरी हो गई।
सियासी जानकारों के मुताबिक भाजपा ने अपनी रणनीतियों में एक बहुत बड़े दांव का कैनवास तैयार कर लिया है। जनसंख्या वृद्धि की वजह से होने वाली चुनौतियों को लेकर निर्मला सीतारमण ने बजट में जिस कमेटी के गठन का एलान किया है, उसी के साथ भाजपा के अगले चुनावों का बड़ी सियासी पिच भी तैयार हो गई है। राजनीतिक विश्लेषक भास्कर शर्मा कहते हैं कि भाजपा और आरएसएस बीते कई वर्षों से जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मुखर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने तो सार्वजनिक मंच से भी जनसंख्या वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए छोटे परिवार की संकल्पना की बात भी कही थी। भास्कर कहते हैं कि अब जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कमेटी के गठन का एलान कर दिया है, तो यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा भाजपा जोर शोर से उठाने वाली है। उनका मानना है कि धारा 370 और राम मंदिर की तरह यह मुद्दा भी भाजपा के लिए बड़ा उर्वरक है।
राजनीतिक जानकारों की मानें, तो भाजपा तीसरी बार सत्ता में आती है, तो जनसंख्या नियंत्रण जैसा महत्वपूर्ण कानून बनाया जा सकता है। हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक इससे पहले की रूपरेखा तय करने में वक्त लग सकता है। सियासी जानकारी अमलेंदु कुमार बताते हैं कि जनसंख्या वृद्धि से होने वाली चुनौतियों को जांचने के लिए सबसे पहली आवश्यकता जनगणना की है। ऐसे में जब तक जनगणना नहीं होती, तब तक जनसंख्या वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण मामले में कोई भी कानून बनाना चुनौती पूर्ण हो सकता है। हालांकि अमलेंदु कहते हैं कि संभवत लोकसभा चुनावों के बाद नई जनगणना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि बजट में घोषित कमेटी भी उसके बाद ही सुचारू रूप से अपनी सिफारिशो और कार्यपद्धतियों को बेहतर तरीके से अंजाम दे पाएगी।
सियासी जानकार बताते हैं कि भाजपा के एजेंडे में तीन महत्वपूर्ण मुद्दे बहुत लंबे समय से हैं। इसमें कश्मीर से धारा 370 हटाने के साथ-साथ राम मंदिर निर्माण समेत जनसंख्या नियंत्रण महत्वपूर्ण है। इनमें से 370 कश्मीर में पहले ही हटाई जा चुकी है और राम मंदिर का निर्माण पूरा होकर इसका शुभारंभ हो चुका है। वरिष्ठ पत्रकार केपी सिंह कहते हैं कि भाजपा ने दो महत्वपूर्ण मुद्दों के बाद जनसंख्या नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को आगे बढ़ाना शुरू किया है। क्योंकि बजट में अब इस पर काम करने के लिए कमेटी के गठन का एलान किया जा चुका है। इसलिए यह मुद्दा अब मौजू ही रहेगा। सिंह कहते हैं कि भाजपा इस मुद्दे के साथ अगले पांच वर्षों की सियासत के लिहाज से बड़ा ट्रैक बना रही है। इसके अलावा उनका कहना है कि एक देश एक चुनाव भी महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसकी कमेटी तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में पहले ही गठित की जा चुकी है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि धीरे-धीरे ही सही लेकिन आने वाले चुनावों में भाजपा इसका मुद्दा बनाना शुरू करेगी। अमलेंदु कुमार कहते हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में तो राम मंदिर का शुभारंभ भाजपा के लिए सियासी तौर पर फायदेमंद होता हुआ नजर आ रहा है। इसलिए इस लोकसभा चुनाव में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने जैसा मुद्दा बड़े पैमाने पर और तेजी से आगे नहीं बढ़ेगा। लेकिन उनका मानना है कि इसी साल होने वाले अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में और उसके बाद के अन्य चुनावों में इस मुद्दे को भाजपा अपने सियासी एजेंडे के मुताबिक इसको आगे बढ़ाएगी। वह कहते हैं कि पार्टी के रणनीतिकारों के मुताबिक यह मुद्दा भी 370 और राम मंदिर की तरह भाजपा का कोर मुद्दा है, जो सियासी नजरिए से बहुत फायदेमंद भी है। ऐसे में भाजपा अपने विकास के मुद्दे के साथ जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे के साथ सियासी राह आगे बढ़ाएगी।

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