वीपीडीओ केस में आरोपी बने भर्ती घपलों में जेल में बंद तीन आरोपी
देहरादून। यूकेएसएसपी और वन दरोगा भर्ती घपले में आरोपी आरएमएस टेक्नो सल्यूशन कंपनी के मालिक राजेश चौहान, उसके भाई और एक कर्मचारी को वीपीडीओ भर्ती घपले में आरोपी बनाया गया है। इन तीनों की पुलिस इस केस में मंगलवार को 14 दिन की रिमांड हासिल की। यह आरोपी पूर्व से ही दूसरे केसों में जेल में बंद हैं। इस घपले में आरबीएस रावत समेत कुल नौ आरोपी गिरफ्तार सूची में शामिल हैं। वर्ष 2016 में हुई वीपीडीओ (ग्राम पंचायत विकास अधिकारी) भर्ती परीक्षा में धांधली का पता चलते ही इसे निरस्त कर दिया गया था। उस वक्त शासन स्तर पर बनी एडीजी की अध्यक्षता में समिति से इसकी जांच कराई गई थी। वर्ष 2019 में जांच विजिलेंस को सौंप दी गई, जिसके बाद विजिलेंस ने जनवरी 2020 में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। तब से अब तक एक भी आरोपी को विजिलेंस गिरफ्तार नहीं कर पाई। बीते 25 अगस्त को इस मुकदमे की जांच एसटीएफ को मिली। एसटीएफ ने ओएमआर शीट की फोरेंसिक रिपोर्ट, गवाहों के बयान और पहले जेल जा चुके आरोपियों के बयानों के आधार पर तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत, सचिव एमएस कन्याल और परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार कर लिया था। जांच के दौरान पता चला था कि इस परीक्षा की ओएमआर शीट आरएमएस कंपनी ने ही स्कैन की थीं। इसके लिए कंपनी के मालिक राजेश चौहान, उसका भाई संजीव चौहान और एक कर्मचारी विपिन बिहारी भी इनसे मिले हुए थे। जिस मकान में फाइनल रिजल्ट तैयार किया गया वहां पर आयोग के तीनों अधिकारियों समेत विपिन बिहारी, सीईओ राजेश पाल समेत सात लोग मौजूद थे। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि पहले दर्ज किए जा चुके बयानों और संकलित साक्ष्यों के आधार पर मंगलवार को राजेश चौहान, उसके भाई संजीव चौहान और विपिन बिहारी को विजिलेंस कोर्ट में पेश किया गया था। इन तीनों को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।