उत्तराखंड

तीन पीढ़ियों ने एक साथ, एक मंच पर मनाया वसंतोत्सव

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लोकनृत्य में महादेव कीर्तन मंडली ने मारी बाजी
जयन्त प्रतिनिधि।
रूद्रप्रयाग : कला मंच तिलवाड़ा द्वारा बच्चों के फुलदेई त्योहार के दौरान हर घर की देहरी पर फूल डालने के दौरान के क्रिया कलापों को लेकर बच्चों के बीच वसंतोत्सव नाम से प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में बच्चों ने फुलारियों की वेशभूषा में फूलदेई के गीतों के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये। कार्यक्रम की संयोजक शिक्षिका विमला राणा ने बताया कि सांस्कृतिक कला मंच तिलवाड़ा के बैनर तले तिलवाड़ा, गीड़ भूतेर, सौड़, सुमाड़ी, रामपुर, छतौली, मैठाणा गांवों की महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप मनाने की परम्परा के माध्यम से अपने तीज त्योहारों व रीति रिवाजों को बच्चों व भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास के क्रम में ऐसे आयोजन किये जा रहे हैं।
श्रीमती राणा ने बताया कि इस प्रतियोगिता के लोक नृत्य वर्ग में महादेव कीर्तन मंडली की महिलाएं प्रथम, कन्हैया कीर्तन मंडली की महिलाएं द्वितीय तथा सिंगलास कीर्तन मण्डली ने तीसरा स्थान हासिल किया। कार्यक्रम की विशेषता यह थी कि बच्चे, बच्चों की माँ व बच्चों की दादी /नानी के रूप में तीन पीढ़ियां एक ही कार्यक्रम में, एक ही मंच पर अपनी अपनी प्रस्तुतियां दे रही थी। जहां तीसरी पीढ़ी की नन्ही बालिकाओं द्वारा अपनी फूलदेई की परम्परागत पोषाक में फूलदेई के गीतों के साथ अतिथियों के स्वागत में गीत गाया तो वहीं दुर्गा कीर्तन मण्डली की प्रतिभागियों के रूप में बच्चों की माताओं ने (दूसरी पीढ़ी) ने अपनी प्रस्तुतियां दी तो वहीं पहली पीढ़ी दादी/नानी के रूप में महिलाओं ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाते हुए नन्हे मुन्नों का फूल-मालाओं से स्वागत करने के साथ ही आमन्त्रित अतिथियों का स्वागत सत्कार करते हुए अभिनंदन किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए केदार घाटी मण्डाण सांस्कृतिक समूह के संस्थापक आचार्य कृष्णानंद नौटियाल ने कहा कि माता बच्चे की प्रथम शिक्षिका होती है, इस कार्यक्रम में बच्चों में अपनी माताओं द्वारा जनित संस्कारों का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत कर, इस बात को पुन: सही साबित कर एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया है। विशिष्ट अतिथि के रूप में कबड्डी एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र रौथाण ने कार्यक्रम में फ्योंलि और राजकुमार की कहानी सुनाकर बच्चों को इस वसंतोत्सव फूलदेई पर्व की महत्ता बताकर मंत्रमुग्ध कर दिया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के समय दुर्गा कीर्तन मण्डली द्वारा जागर शैली में गणेश वंदना गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। प्रतियोगिता के दौरान बच्चों के बीच शैक्षिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत चित्रकला, स्लोगन भाषण प्रतियोगिता भी करवाई गई। चित्रकला प्राथमिक वर्ग में वंशिका ने प्रथम, रियांश द्वितीय व सांची ने तृतीय स्थान हासिल किया। जूनियर वर्ग में काव्या सेमवाल प्रथम, प्लाक्षा सकलानी द्वितीय और ओम भण्डारी ने तृतीय स्थान पाया। स्लोगन के प्राथमिक वर्ग में आरुषि, आदित्य तथा दिया ने क्रमश: पहले तीन स्थान प्राप्त किये। जूनियर स्लोगन प्रतियोगिता में अनुष्का पुरी प्रथम, स्नेहा सेमवाल द्वितीय और प्लाक्षा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण में आकृति प्रथम, वैभव रावत द्वितीय और निशा तीसरे स्थान पर रही। प्रतियोगिता के निर्णायकों के रूप में नंदन राणा, ललिता रौतेला व मंजू कुंवर ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम में शकुंतला भट्ट, शांति पंवार, योगेश मंमगांईं, पंकज रौतेला, चन्द्र सिंह जगवाण, अंकुश जखवाल, संजय रावत, वीरेन्द्र बिष्ट, गोपाल सिंह नेगी, शांति भट्ट, संगीता नेगी, लक्ष्मी बिष्ट, लीलावती सकलानी, वर्षा पंवार, सावित्री राणा, उमा कण्डारी, सम्पति बुटोला, अनीता कंडारी, सोनी सेमवाल, ऊषा कंडारी सहित कला मंच की सभी महिलाएं उपस्थित थी। कार्यक्रम में लक्ष्मी नेगी द्वारा अपनी हस्तनिर्मित सामग्री का स्टॉल विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसको सभी दर्शकों ने सराहा। कार्यक्रम का संचालन विमला राणा व हैप्पी असवाल द्वारा किया गया। शिक्षक नंदन राणा ने वसंत पर एक सुंदर गीत प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी।

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