रिखणीखाल में फिर सक्रिय हुआ बाघ, वन विभाग की टीम ने डाला डेरा
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : गढ़वाल वन प्रभाग की धुमाकोट रेंज और ब्लाक रिखणीखाल में एक बार फिर बाघ सक्रिय हो गया है। ब्लाक के हल्दूखाल के आसपास के गांवों में बाघ सक्रिय बताया जा रहा है। जिस कारण लोग दहशत में है। ग्रामीणों की सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने यहां डेरा डाल दिया है। मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने सक्रिय बाघ को पकड़ने के आदेश जारी कर दिये है।
रिखणीखाल में एक के बाद एक हमलों ने बाघ ने अब तक तीन लोगों की जान ली है। इसके बाद वन विभाग ने तीन बाघों को भी यहां से पकड़ लिया था। रिखणीखाल के केलधार के पास से वन विभाग की टीम ने बीती 27 अक्तूबर को ही बाघ को पकड़ कर कालागढ़ टाइगर रिजर्व को सौंपा था। वन विभाग द्वारा डल्ल्यूआई को भेजे गए सैंपलों में यह भी पुष्टि हो गई थी, जो बाघ पकड़ा गया उसी ने दो हमले किए थे। हालांकि बाद में पार्क प्रशासन के अफसरों ने इस बाघ को भी छोड़ दिया था। अब दूसरे बाघ के यहां सक्रिय हो जाने के कारण वन विभाग के साथ ही ग्रामीणों की भी मुश्किलों में इजाफा हो गया है। वन विभाग ने यहां बाघ के सक्रिय होने के बाद से टीम तैनात कर दी है।बाघ के यहां लगातार सक्रिय हो जाने की वजह से वन विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। एक उच्चाधिकारी ने कहा है कि अब यह भी देखा जा रहा है कि कहीं इस क्षेत्र को बाघ ने अपना ही बसेरा तो नहीं बना लिया है। गढ़वाल वन प्रभाग का यह हिस्सा धुमाकोट कालागढ़ टाइगर रिजर्व की सीमा से सटा हुआ है। ऐसे में यहां बाघों का आना कोई मुश्किल भी नहीं है। हालांकि इससे पहले यहां बाघ ऐसे दिखाई नहीं देते थे। रिखणीखाल ब्लाक के डल्ला, भैगड़गांव और मोक्षण गांव अभी तक बाघ के हमलों में तीन लोगों की जान चली गई है। बाघ के एक के बाद एक हमलों से ग्रामीण काफी सहमे हुए है। अब हल्दूखाल के आसपास बाघ एक बार फिर दिखाई दे रहा है। डीएफओ स्वपनिल अनिरुद्ध ने बताया कि ग्रामीणों ने इसकी जानकारी दी थी, बाघ के यहां फिर सक्रिय होने के बाद टीम को तैनात कर दिया गया है, जिसमें पशुचिकित्सक भी शामिल है। मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने सक्रिय बाघ को पकड़ने के आदेश जारी किए है।