संवाददाता, बागेश्वर। जिले के किसानों ने पहले कोरोना संक्रमण के दौरान इससे लड़ रहे लोगों की हौसला अफजाई के लिए थाली बजाई थी। इस बार किसान टिड्डियों के दल को भागने के लिए थाली बजाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि शोर मचाने और धुआं लगाने से किसान अपनी फसलों को टिड्डियों से बचा सकते हैं। कृषि विभाग ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। मालूम हो कि कारोना संक्रमण से परेशान किसानों के लिए अब टिड्डी दल का खतरा बना है। कृषि विभाग के अनुसार टिड्डियों का दल राजस्थान से उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर गया है। यह दल सब्जियां समेत फसलों को खत्म कर देता है। इस दल से हर किसान को सावधान रहने की जरूरत है। विभाग ने किसानों को फसल बचाने के लिए सुझाव दिए हैं। विभाग ने बताया कि टिड्डियों का दल लाखों की संख्या में झुंड बनाकर चलता है। यह दिन के समय नये क्षेत्र में प्रवेश करता है। शाम के समय खाली जमीन और पौधों पर आराम करता है। टिड्डी दल के हमले से बचने के लिए किसानों को एक साथ टीन के डिब्बे या थालियां बजाना होगा। खेत में धुआं करने और खेतों को पानी से भरने से ही बचाव होगा। किसी भी तरह इस दल को खेतों में न बैठने दें। इसके रोकथाम के लिए सुबह पांच बजे से छह बजे तक क्लोरोपाईरीफास 20 प्रतिशत ईसी या लैंबड़ा साईहैलोथरीन पांच प्रतिशत ईसी का छिड़काव करें। इसके अलावा अपने खेतों की नियमित निगरानी करें।
टिड्डी दल का प्रकोप होने पर जिले के कृषि रक्षा अधिकारी और न्याय पंचायत प्रभारियों से संपर्क करें। हर केंद्र में दवा पर्याप्त मात्रा में रखी गई है। दवा का छिड़काव नियमित रूप से करें। – वीपी मौर्य, मुख्य कृषि अधिकारी बागेश्वर।