जरूरतमंदों की सेवा करना मानव का पहला धर्म: विज्ञानदेव महाराज
संत समागम में देश-विदेश से पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालु
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: विहंगम योग संस्थान शून्य शिखर आश्रम में दो दिवसीय संत समागम वार्षिकोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। विज्ञान देव महाराज ने श्रद्धलुओं को मानव को सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्ररित किया। कहा कि जरूरमंदों की सेवा करना ही मानव का पहला धर्म है।
शून्य शिवर में आयोजित कार्यक्रम में संत विज्ञान देव जी महाराज ने दिव्य वाणी के माध्यम से मानव को अपने को पहचानने हेतु संदेश दिया। कहा कि यह मनुष्य जीवन ऐसे ही नहीं मिला है, इसको ऐसे नहीं गवाना है। उन्होंने कई उदाहरणों के द्वारा मानव जीवन को कैसे आगे ले चलना है कैसे मानव को मानव से जोड़ना है, इस पर उदाहरण दिए। कहा कि अपने को पहचानों बड़े भाग मानुष तन पायो,यह जीवन संसार में कुछ करने के लिए मिला है, हम सभी को सद्गुरु की कृपा से यह ज्ञान मार्ग मनुष्य को प्राप्त होता है। महाराज ने अपने दो घंटे के प्रवचन में मानव जीवन को संपूर्ण कष्टों से दूर करने का जो रास्ता दिखाया है, इस पर श्रद्धालु नतमस्तक होते हुए संकल्प रहे थे। बताए मार्ग पर चलकर हम गांव जनपद प्रांत और देश की एकता अखंडता और समृद्धि के लिए मानव कल्याण के लिए विश्व शांति का संदेश घर-घर तक पहुंचायेंगे। आचार्य सदाफल देव महाराज की तपस्थली आज ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य कर रही है।