राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। लैंसडौन वन प्रभाग की लालढांग रेंज परिसर में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस मनाया गया। यह दिवस उनकी याद में मनाया गया जो अपनी कर्तव्यनिष्ठा से वनों एवं वन्य प्राणियों की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। इस मौके पर देशभर में वनों को बचाने में शहीद हुए वन अधिकारियों और कर्मचारियों को वन कर्मियों के अलावा जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि दी। रेंजर ने वन रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर करने वालों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि वनों को बचाने में इनका का जो योगदान रहा उसे भुलाया नहीं जा सकता है। वक्ताओं ने कहा कि वन अफसरों और कर्मचारियों की ड्यूटी जोखिमभरी है। कर्मचारी मुस्तैद रहकर वनों की सुरक्षा में लगे रहते हैं।
लालढांग रेंज के वन क्षेत्राधिकारी प्रदीप उनियाल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर श्रद्धाजंलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वन विभाग में सेवा के दौरान शहीद हुए कर्मियों को श्रद्धाजंलि दी गई। इस अवसर पर गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी को संबोधित करते हुए पार्षद सुखपाल शाह, जगदीश मेहरा ने कहा कि ग्रोथ सेंटर से जो केमिकल का पानी सिगड्डी स्रोत में जा रहा है। जिस कारण सिगड्डी स्रोत में मछलियां, जगंली और पालतू जानवर मर रहे है। साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि वन्य जीव मानव संघर्ष को रोकने के लिए हाथी सुरक्षा दीवार का निर्माण शीघ्र होना चाहिए, जिस कारण जंगल से सटे हुए किसानों की फसल को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता पिछले काफी समय से हाथी सुरक्षा दीवार बनाने की मांग कर रही है। इस संबंध में कई बार स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत सहित शासन को ज्ञापन भेज चुके है, लेकिन अभी तक हाथी सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं हो पाया है। जिस कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पार्षदों ने वन विभाग से किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए गश्त बढ़ाने और हाथी सुरक्षा दीवार बनाने की मांग की। इस अवसर पर वन क्षेत्राधिकारी प्रदीप उनियाल ने कर्मचारियों को निर्देशित किया कि ग्रामीणों की शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र जंगल से सटे हुए हैं उन क्षेत्र के लोगों के लिए फटाके की व्यवस्था करें, ताकि अपनी खेती की रक्षा कर सकें। रेंजर ने ग्रामीणों के साथ सहभागिता बनाने एवं ग्रामीणों के साथ आपसी सामंजस्य बनाने हेतु कर्मचारियों को निर्देश दिये। इस मौके पर डिप्टी रेंजर अनम खान, वन दरोगा धनीराम, वन दरोगा हेमंत सिंह भारती, वन दरोगा अशोक कुमार नेगी, वन दरोगा विनोद प्रसाद आदि मौजूद थे।