सकारात्मक सोच के साथ जीना ही सच्चा जीवन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सुकून एवं आनंद की अनुभूति प्रदान करने वाले निरंकारी संत समागम का विशाल आयोजन हल्दुखाता में किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने सम्मिलित होकर सत्संग का भरपूर आनंद प्राप्त किया और सतगुरु के प्रवचनों का श्रवण कर अपने जीवन को कृतार्थ किया। संतों ने संसार से विरक्ति लेने को जीवन नहीं बताया अपितु परमात्मा को अपने जीवन में शामिल करते हुए हर पल सकारात्मक सोच के साथ जीने को ही सच्चा जीवन बताया है। इस अवसर पर निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा ने हल्दुखाता निरंकारी सत्संग भवन का उद्घाटन भी किया।
सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने समागम में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए बताया कि हमारी आत्मा का इस परमात्मा से इकमिक होकर मोक्ष की प्राप्ति करना ही मनुष्य जीवन का परम् लक्ष्य है, जिसके लिए हम सब एक आध्यात्मिक सफर पर है और इस पर चलकर हम वास्तविक रूप में ईश्वर से जुड़कर भक्तिमार्ग की ओर अग्रसर हो सकते है। यह आत्मिक संबंध ही वास्तव में स्थायी आनंद की प्राप्ति है। मुक्तिमार्ग के विषय में समझाते हुए सतगुरु माता ने बताया कि प्राचीन समय से ही संतों ने अपनी रब्बी बाणियों के माध्यम से हमें सदैव यही समझाने का प्रयत्न किया है कि ईश्वर को जानकर ही भक्ति की जा सकती है और उसके उपरांत ही हम जीते जी मोक्ष की प्राप्ति के हकरदार बनेंगे। एक सफल जीवन की प्राप्ति सांसारिक उपलब्धियां नहीं अपितु ब्रह्मज्ञान द्वारा परमात्मा से इकमिक होकर उसके एहसास में रहना है। संसार में रहते हुए संसार के प्रति आशक्ति न धारण कर, इस परमात्मा का ध्यान करते हुए भक्ति द्वारा आध्यात्मिक जीवन में सदैव आगे बढ़ते जाना है। इस मौके पर स्थानीय मुखी सतेंद्र सिंह बिष्ट, जिला संयोजक निर्रेश तिवारी सहित सैकडों लोग उपस्थित रहे।