कोटद्वार-पौड़ी

यूकेडी ने राज्य आंदोलन के शहीदों को किया याद

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखण्ड क्रांति दल ने मुजफ्फरनगर, देहरादून, कोटद्वार, नैनीताल के उत्तराखण्ड राज्य निर्माण अांदोलनकारी शहीदों के चित्रों पर माल्यापर्ण कर श्रद्धाजंलि अर्पित की। वक्ताओं ने कहा कि 26 साल बीत जाने के बाद भी आज तक आंदोलनकारी शहीदों व पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया है। उत्तराखण्ड राज्य बने 20 साल में राष्ट्रीय दलों द्वारा न्यायालय में शहीदों एवं पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों से सम्बन्धित उत्तर प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में लंबित मुकदमों को सरकार उत्तराखण्ड में स्थानान्तरण करने की पहल करें।
यूकेडी ने 1994 में मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाने व राज्य बनने के 20 सालों में राष्ट्रीय दलों द्वारा अपने-अपने शासनकाल के दौरान आंदोलनकारियों के मुकदमें में कोई कार्यवाही न करने पर शुक्रवार को धिक्कार दिवस के रूप में तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया। तहसील परिसर में धरना देते हुए यूकेडी के पौड़ी प्रभारी महेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पृथक राज्य निर्माण आंदोलन में 2 अक्टूबर 1994 गांधी जयन्ती के अवसर पर दिल्ली रैली में जा रहे उत्तराखण्ड वासियों के साथ एक अक्टूबर 1994 में अद्र्ध रात्रि में मुजफ्फरनगर में तत्कालीन प्रशासन द्वारा 6 हत्याये, 7 गैंगरेप, 17 छेड़खानी जैसे विभिन्न कांड किये गये। जिसके 12 मुकदमें उत्तर प्रदेश के विभन्न सीबीआई न्यायलयों में लंबित है। उन्होंने कहा कि उक्त प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए महाधिवक्ता उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में स्थायी अधिवक्ता उत्तराखण्ड सरकार व चिन्हित आंदोलनकारी अधिवक्ताओं की एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाय। इस मौके पर पंकज भट्ट, महेन्द्र्र ंसह रावत, भूपाल सिंह रावत, गुलार्ब ंसह, हयार्त ंसह गुसांई, मनोहर सिंह रावत, संजू कश्यप, प्रवीन नेगी, विनय त्रिपाठी, विनय भट्ट, रेवत सिंह, राजेन्द्र सिंह, सतीश मैंदोला, कुलदीप सिंह असवाल, पितृशरण जोशी, बंटी नेगी, सुरेन्द्र भाटिरूा, प्रवेन्द्र रावत, बलवंत सिंह रावत आदि शामिल थे।
रामपुर तिराहे व नारसन कांड के दोषियों को सजा देने की मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नागरिक मंच की बैठक में 2 अक्टूबर 1994 को रामपुर तिराहे व नारसन में उत्तराखण्ड आंदोलनकारियों के साथ घटित बर्बरता व महिलाओं के साथ दुराचार पर चर्चा करते हुए इस घटना के 26 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी आज तक दोषियों के खिलाफ कार्यवाही न होने पर रोष व्यक्त किया। मंच के सदस्यों ने उक्त प्रकरण की नये सिरे से समयवद्ध जांच करवाकर दोषियों के के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की।
शुक्रवार को आयोजित बैठक में महात्मा गांधी व लालबहादुर शास्त्री की जयन्ती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी। बैठक का संचालन महासचिव डब्बल सिंह रावत ने किया। वैठक में पूर्व अध्यक्ष विनोद कुकरेती, संरक्षक हरीश भदोला, चक्रधर शर्मा कमलेश, राम कुमार अग्रवाल, हर्षवद्र्धन ध्यानी, सूरत सिंह रावत, सूर्यनारायण पाण्डे, डॉ0 जगदम्बा ध्यानी आदि उपस्थित रहे।
रामपुर तिराहा कांड से सम्बन्धित मुकदमों में अधिवक्ता करेगें नि:शुल्क पैरवी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शुक्रवार को आयोजित बैठक में रामपुर तिराहा कांड से सम्बन्धित मुकदमों को त्वरितता से व शीघ्र अतिशीघ्र निस्तारण हेतु सम्बन्धित न्यायालयों में कोटद्वार के अधिवक्ताओं द्वारा नि:शुल्क पैरवी करने का निर्णय लिया गया, ताकि उत्तराखण्ड की जनता को त्वरित न्याय मिल सके।
गोविन्दनगर स्थित कार्यालय में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सन 1994 में रामपुर तिराहा काण्ड में जो बर्बता उत्तराखण्ड के साथियों व माँ-बहनों के साथ हुई तथा उत्तर प्रदेश पुलिस ने निहत्थे पहाड़ी आंचल के सीधे साधे लोगों पर गोलियां बरसायी। जिसमें पहाड़ी आंचल के कई लोग घायल हुए और कई लोगों ने उत्तराखण्ड आंदोलन में अपना बलिदार दिया, लेकिन 26 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी अभी तक दोषियों तक सजा नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में उक्त मामलों की ठोस पैरवी ना होने  से मामलों में अन्तिम न्याय पाने के लिए आज तक उत्तराखण्ड की जनता को पीड़ित पक्षों को जूझना व संघर्ष करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य की सरकारों के द्वारा मामलों में ठोस पैरवी न किये जाने पर इस कांड में दर्ज मुकदमों में से चार मुकदमों में विचारण पर रोक लगी हुई है और न्यायालयों में सही पैरवी ना होने के कारण आज तक उक्त विचारण पर लगे स्टे आदेश को भी समाप्त नहीं करवाया गया है। बैठक का संचालन बार संघ के पूर्व अध्यक्ष अजय पंत ने की। बैठक में अधिवक्ता प्रवेश रावत, कुंवर सिंह आर्य, विकास कुमार आर्य, मुकेश कपटियाल, रविन्द्र जजेड़ी, पंकज बहुगुणा, अजंलि अग्रवाल सहित आनन्दमणि भट्ट, दिनेश चौहान, रोहित अग्रवाल, अरूण केष्टवाल, मो0 जब्बार जरनैर्ल ंसह, श्रीमती मुनेश देवी, शालू पंवार, डॉली वर्मा, सुमित कुमार, मुख्त्यार आदि मौजूद थे।

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