उत्तराखंड

नशा मुक्त अभियान के तहत जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया

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अल्मोड़ा। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र चितई में नशा मुक्त अभियान के तहत जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों और उससे बचने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया गया। कहा कि नशा हमारे मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट कर देता है। जिससे सोचने व समझने की क्षमता खत्म हो जाती है।
बुधवार को राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय डीनापानी की टीम के छात्रों को जागरूक किया। नशा मुक्त भारत अभियान के जिला समन्वयक डा़ अजीत तिवारी ने, नशा मुक्त समाज एवं सृजन युक्त समाज पर छात्रों से चर्चा की। उन्होंने बताया कि युवा ही देश का भविष्य होता है। आज के भारत का युवा जिस प्रकार से नशे की गिरफ्त में फंसता जा रहा है, उससे राष्ट्र पर एक भारी विपत्ति कभी भी आ सकती है। बहुत ही सावधानी पूर्वक हमें इस अभियान में लड़ना है और अपने को, समाज को और साथ-साथ राष्ट्र को बचाने का दायित्व पूरा करना है। कहा कि सोच समझ कर ही मित्रों का चयन करें और सचेत रहें, नशे से जितनी भी मस्तिष्क कोशिका नष्ट होती है वह दुबारा ठीक नहीं हो पाती। इस कारण अच्टे और बुरे का ज्ञान मस्तिष्क को नहीं हो पाता और वो गहरे अंधकार में चलता चला जाता है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र चितई के प्रधानाचार्य दीपक कुमार चौधरी ने कहा कि आज नशा मुक्त भारत अभियान को सामाजिक क्रांति अभियान बनाना पड़ेगा।
इस अवसर पर महाबीर सजवाल, दुर्गेश तिवारी, अर्जुन, गजेन्द्र सिंह डसीला, चन्द्र शेखर जोशी, चन्द्र रेखा बिष्ट, विनोद नौटियाल, खजान चन्द्र पपनै, ललित सिंह तिलारा, पुष्कर सिंह मेहरा, प्रमोद जोशी, दीपक सिंह, शेर सिंह, किरन मठपाल, घनश्याम पंत उपस्थित थे।

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