पांचवें दिन भी डटे रहे संयुक्त मार्चा के कर्मचारी
बागेश्वर। उत्तराखंड पेयजल निगम और उत्तराखंड जलसंस्थान का एकीकरण, राजकीयकरण की मांग जारी है। कर्मचारियों ने शनिवार को तीसरे दिन भी दो घंटे का धरना दिया। मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चिताकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। जल निगम, जलसंस्थान संयुक्त मोर्चा ने जल निगम कार्यालय पर धरना दिया। अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त समन्वयक मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश सिंह राणा ने कहा कि पेयजल निगम और जलसंस्थान का एकीकरण नहीं हो सका है। यह मांग लंबे समय से शासन स्तर पर विचाराधीन है, जबकि देश के लगभग 24 राज्यों में पेयजल और सीवरेज व्यवस्था के लिए राजकीय एकीत विभाग स्थापित हैं, जबकि उत्तराखंड में पेयजल की बहुल व्यवस्था होने के कारण जहां एक ओर विभागों में आपसी सामंजस्य का अभाव है, वहीं आम जन मानस में भ्रम की स्थिति रहती है। पेयजल योजना के निर्माण, क्रियान्वयन, रखरखाव आदि के लिए वह दोनों विभाग से संपर्क करते हैं। कहा कि 1974 में पेयजल एवं स्वच्छता क लिए स्वायत्त शासन अभियंत्रण विभाग के नाम पर राजकीय विभाग था। इस दौरान विपिन कुमार, बिशन सिंह रौतेला, जय शंकर सिंह, चंदन दानू, नरेंद्र धामी, मनोज, चंद्रप्रकाश, दरपान सिंह मेहरा, जगदीश पांडेय आदि उपस्थित थे।