छल व बल से धर्म परिवर्तित कराने वालों के खिलाफ में एक्शन में यूपी पुलिस, अब तक 280 आरोपित गिरफ्तार
लखनऊ , एजेंसी। छल और बल से धर्म परिवर्तित कराने के बाद युवतियों की प्रताड़ना की कहानियां दिल दहला देने वाली थीं। कई ने तो प्यार के झूठे वादों से मिले धोखे की कीमत अपनी जान देकर चुकाई। महिलाओं के उत्पीड़न की इस त्रासदी से उपजे कानून का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। पुलिस कार्रवाई के कदम बढ़े हैं और कोर्ट में पैरवी चल रही है। उत्तर प्रदेश में इस कानून की नींव रखने वाली भाजपा अब इसे और कठोर बनाने की पैरोकारी भी कर रही है। हालांकि अब तक इन मुकदमों में किसी आरोपित को कोर्ट से सजा नहीं हुई है।
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में इस कानून के तहत सभी मामलों में कम से कम 10 वर्ष की सजा व एक लाख रुपये जुर्माना कराये जाने की बात कही है। साफ है कि आने वाले दिनों में इस कानून का दायरा और बड़ा होगा। पुलिस ने विधि विरुद्घ धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत कार्रवाई शुरू की तो अब तक 41 मुकदमे ऐसे भी दर्ज हुए, जिनमें आरोपित नाबालिग हैं। दरअसल, प्रदेश में लव-जिहाद की बढ़ती घटनाएं कानून-व्यवस्था के लिए लगातार चुनौती बनती जा रही थीं। ऐसी घटनाओं पर प्रभावी अंकुश के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मतांतरण को कठोर कानून बनाने की घोषणा की थी।
विधि विरुद्घ धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 प्रदेश में 27 नवंबर, 2020 को प्रभावी हुआ था, जिसके बाद से जनवरी, 2022 तक इस अध्यादेश के तहत कुल 164 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें सबसे अधिक 38 मुकदमे बरेली जोन व 31 मुकदमे मेरठ जोन में दर्ज हुए हैं। 97 मुकदमे ऐसे हैं, जिनमें पीड़ित महिला कोर्ट में आरोपितों के विरुद्घ बयान दे चुकी हैं। अब तक दर्ज कुल मुकदमों में 399 नामजद आरोपित हैं, जबकि 105 आरोपितों के नाम जांच के दौरान प्रकाश में आये हैं।
यूपी पुलिस अब तक कुल 504 आरोपितों में से 280 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। 21 आरोपित अदालत में हाजिर हो गई, जबकि पुलिस की जांच के दौरान 99 आरोपितों की भूमिका नहीं पाई गई। पुलिस 90 आरोपितों की तलाश कर रही है। 115 मुकदमों में कोर्ट में आरोपपत्र भी दाखिल किये जा चुके हैं। 30 मुकदमों में विवेचना चल रही है। पुलिस ने एक मुकदमे को खारिज किया और 17 मामलों में अंतिम रिपोर्ट लगाई जा चुकी है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि इन मामलों में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की गाइड लाइन के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही है। शेष मामलों में भी पुलिस प्रभावी पैवरी कर रही है।