उपजिलाधिकारी कोटद्वार को सौंपी खतौनी में अनियमितता की जांच
मोटाढाक की खतौनी में एक ही फसली वर्ष में एक ही खाते से अन्य खाते बनाने का मामला
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। जनपद पौड़ी गढ़वाल के तहसील कोटद्वार के ग्राम नन्दपुर पट्टी मोटाढाक की खतौनी में एक ही फसली वर्ष 1422-1427 में एक ही खाते से अन्य खाते बन गये हंै। खतौनी में अनियमितता स्पष्ट परिलक्षित होने के चलते जिलाधिकारी गढ़वाल धीराज सिंह गब्र्याल ने खतौनी की जांच हेतु उप जिलाधिकारी कोटद्वार को जांच अधिकारी नामित करते हुए खतौनी में हुई त्रुटियों के निस्तारण के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने तथा एक सप्ताह अन्दर विस्तृत जांच आख्या उपलब्ध कराने के आदेश दिये हैं।
जिलाधिकारी ने आदेशित किया कि जब तक यह जांच प्रक्रिया एवं तद्नुसार शुद्धिकरण पूर्ण नहीं हो जाता तब तक तहसील कोटद्वार के ग्राम नन्दपुर, पट्टी मोटाढाक की खतौनी में अग्रिम आदेशों तक किसी भी प्रकार के अन्तरण यथा दान, विक्रय, विरासत, वसीयत एवं बन्धक आदि की कार्यवही में रोक लगाई जाती है, ताकि अन्तरण में त्रुटियों की आंशका न रहे। यदि इस दौरान 2019 में जब से त्रुटि हुई है से आतिथि तक यदि कोई खरीद फरोख्त की गई है तो उसका नामान्तरण न किया जाये एवं अपनी जांच प्रक्रिया में उसे भी सम्मिलित किया जाय। उन्होंने कहा कि यदि इस दौरान कोई खरीद फरोख्त करता है या दान, विक्रय, विरासत, वसीयत एवं बन्धक आदि की कार्यवाही करता है तो किसी अनियमितता के पाये जाने पर वह स्वयं उत्तरदायी होगा।
कोटद्वार के ग्राम नन्दपुर पट्टी मोटाढाक में फसली वर्ष 1422-1427 से पूर्व में 96 खाते अंकित थे, खातों में बिना किसी नामान्तरण/कलमी बंटवारे के 111 खातों का निर्माण किया गया है अर्थात् कुल 15 नये खाते बिना आदेश के बन गये हैं। जिन व्यक्तियों के नाम से नये खाते बनाये गये हैं, उनके द्वारा संबंधित खातों में ना तो कोई भूमि क्रय की गई है और ना ही किसी प्रकार का कलमी बंटवारा हुआ है। इन नये खातों के निर्माण से संबंधित खाते के कुल क्षेत्रफल के पूर्व योग में भी परिवर्तन किया गया है तथा नये खाते की भूमि श्रेणी 1(क) से परिवर्तित कर श्रेणी 9 में दर्ज की गई है। जिलाधिकारी ने जांच आख्या के तहत फसली वर्ष 1422-1427 में प्रश्नगत 96 खातों के विपरीत 111 खातों में जो 15 खाते अतिरिक्त बनाये गये हैं, वे खाते किस तिथि पर और किन कारणों से और किस आदेश के तहत बने है, इन खातों में संबंधित भू-खण्ड पूर्व में 96 खातों की खतौनी में सम्मिलित है या नहीं और उन खातेदार के नामों की प्रविष्टियां भी 96 खातों में अंकित है अथवा नहीं। यदि नहीं तो अतिरिक्त 15 खातों में उन खातेदारों के नामों की प्रविष्टी के स्रोत क्या है आदि स्पष्ट करने के आदेश दिये हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा कि अतिरिक्त 15 खातों में भू-खण्ड व रकवा की पुनरावृत्ति तो नहीं हुई है, इसकी जांच पटवारी/लेखपल के पास उपलब्ध पुरानी एवं नई खतौनी से भी करने तथा खतौनी की प्रविष्टियों की जांच तहसील में उपलब्ध आर-6 पंजिका एवं विरासती मामलों में प्रपत्र प-क 11(ख) के आधार पर भी करना सुनिश्चित करने को कहा। डीएम ने आदेशित किया कि क्या तहसील कोटद्वार में खतौनी निर्माण हेतु उपलब्ध कराये गये डिजिटल हस्ताक्षर डोंगल कभी खराब हुआ था, यदि खराब हुआ था तो किस अवधि में हुआ और नया डोंगल कब संचालित हुआ। इसके अतिरिक्त इसकी भी जांच कर ली जाय कि क्या उक्त अवधि में डोंगल का कोई दुरूपयोग तो नही किया गया था। खातेदारों के नाम प्रविष्टि होने या अधिकार प्राप्त करने के स्रोत क्या है, यदि उनका नाम किसी भी प्रकार की चाहे/अनचाहे गलती से दर्ज हुआ है तो इसे चिन्हिकरण करते हुए बिना देरी किये गलत प्रविष्टियों को हटाकर खतौनियों का शुद्धिकरण किया जाना है।