47 अस्थाई स्वास्थ्य कर्मी को निकालने पर स्वास्थ्य विभाग में हंगामा
रुद्रपुर। सीएमओ कार्यालय में सेवाओं पर रोक लगाने की जानकारी मिलने पर एक साथ 47 अस्थाई स्वास्थ्य कर्मी एकत्र हो गए। उन्होंने सीएमओ का घेराव करते हुए अस्पताल और मेडिकल कलेज में ही अटैच करने के लिए कहा। उनका कहना था कि कोविड की दोनों लहरों में उन्होंने जी जान लगाकर काम किया और वैक्सीनेशन कराने में भी पूरा सहयोग किया है। वहीं अब उनके पास एक सूचना दी गई कि अब उनको 31 मार्च से नहीं आना है। ऐसे में उनका शोषण किया जा रहा है। इतना ही नहीं उनका जनवरी का पैसा भी नहीं दिया गया है। सीएमओ ने संबंधित अधिकारी से जानकारी लेकर उनका पेमेंट कराने के लिए कहा। इसके साथ ही उनको आश्वस्त किया कि जब भी आगे काम होगा तो सबसे पहले उन लोगों को बुलाया जाएगा। इधर, स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि अगर इसी तरह शोषण किया गया तो आंदोलन को बाध्य होंगे। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे के आसपास आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मी सीएमओ कार्यालय पहुंचे यहां सीएमओ से उनके अफिस में मिले। इस दौरान उन्होंने अपनी समस्या रखी। इस दौरान उन्होंने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड 19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आउटसोर्स के माध्यम से तैनात किया गया था। जिस समय प्रदेश भर में लाखों स्वास्थ्य कर्मियों की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हो रही थी। ऐसी मुसीबत की घड़ी में उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना कोविड 19 में मरीजों के इलाज तथा जान बचाने का कार्य किया। जिस कारण से बहुत से लोगों की मृत्यु होने से बची, बहुत बच्चे भी अनाथ होने से बच गए थे। अब उनको काम पूरा होने के बाद निकालने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिस कारण से सभी आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जबकि अन्य राज्यों में पूर्व से कार्यरत समूह ग व समूह घ के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को परमानेंट किया जा रहा है। उन्होंने मांग रखी है कि सभी को एनआरएचएम में समाहित किया जाए। इस मौके पर आउटसोर्सिंग कर्मी अतीशा, बबली, लिपिका, रेखा, पूजा यादव, सपना, ज्योति, बबीता, रीता पौर, आशा, सीमा, अंजू मिश्रा, उषा सक्सेना आदि मौजूद रहे।
इनकी सेवाएं पर रोक लगाई गई है। अगर आगे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जरूरत हुई तो सबसे पहले उनको प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं जिस पेमेंट के लिए आउटसोर्स कर्मी कह रहे हैं वह करीब दो करोड़ रुपया है जो रिलीज कर दिया गया है। जो उनको दे दिया जाएगा। -ड़ सुनीता चुफाल, सीएमओ, ऊधमसिंहनगर