उत्तराखंड

केएमवीएन के 17 गेस्ट हाउस को निजी हाथों में देने का विरोध

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नैनीताल। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) अपने 17 गेस्ट हाउस, र्केटीन व पर्यटक सूचना केंद्रों को किराये पर दे रहा है, पर केएमवीएन कर्मचारी महासंघ ने इस निर्णय का विरोध करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को पत्र लिखकर इस पर रोक लगाने की मांग की है। बुधवार को कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुरुरानी ने कहा कि निगम कर्मचारी महासंघ निजीकरण का विरोध करता है। पूर्व में हुए समझौते के अनुसार निगम की संपत्तियों को निजी हाथों में न दिए जाने की बात कही गई थी। पर अब निगम प्रबंधन गेस्ट हाउसों के साथ ही खनन पट्टे व र्केटीन को भी निजी हाथों में सौंपने जा रहा है। कहा कि कर्मचारियों की मांग है कि इनका संचालन पेशेवर तरीके से निगम ही करे, जिससे कि कर्मचारियों को रोजगार मिलेगा और निगम की आमदनी बढ़ेगी। यदि इस निर्णय को जल्द वापस न लिया गया तो कर्मचारी आंदोलन को बाध्य होंगे। निगम कुमाऊं के अपने 46 गेस्ट हाउस में से 17 को निजी हाथों में वार्षिक किराये के रूप में देने जा रहा है। इसके अलावा चम्पावत में खनन पट्टे भी चुगान के लिए दे रहा है, जिसका कर्मचारियों ने विरोध किया है। वहीं निगम प्रबंधन का कहना है कि घाटे में चल रहे गेस्ट हाउस को वार्षिक किराए के आधार पर संचालन के लिए दिया जा रहा है।
केएमवीएन कर्मियों को प्रशिक्षण देगा आम्रपाली इंस्टीटयूट
केएमवीएन ने अपने कर्मचारियों को नए दौर की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षित करने के लिए आम्रपाली इंस्टीट्यूट अफ होटल मैनेजमेंट के साथ दो साल के करार पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत केएमवीएन के मैनेजरों, फ्रंट अफिस कार्मिकों, वेटर, रूम अटेंडेंट, हाउस कीपिंग स्टाफ, कुक आदि को संस्थान द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रथम चरण में पर्यटन सीजन प्रारम्भ होने से पूर्व 150 कार्मिकों को पांच बैच में छह दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर केएमवीएन के एमडी नरेंद्र सिंह भंडारी, जीएम एपी वाजपेयी, पर्यटन विकास अधिकारी बच्ची राम आर्य के साथ आम्रपाली ग्रुप अफ इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर शैलेन्द्र कुमार सिंह, प्रोफेसर प्रशांत आदि उपस्थित रहे।

 

 

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