यूक्रेन पर जारी हमलों के बीच अमेरिका ने रूस के तेल आयात पर लगाया प्रतिबंध
कीव, एजेंसी। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का मंगलवार को 13वां दिन है। एक तरफ दोनों देशों के बीच वार्ता चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ रूस ने यूक्रेन पर हमले और तेज कर दिए हैं। इस बीच, यूक्रेन के पूर्वी शहर सूमी में नागरिकों को रूसी हमले से बचने के लिए सुरक्षित गलियारा मंगलवार को खुल सकता है। यूक्रेन की उप प्रधान मंत्री इरीना वीरेशचुक ने कहा कि दोनों पक्ष यूक्रेन के पूर्वी शहर सूमी से नागरिकों को निकालने के लिए सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक संघर्ष विराम पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि सूमी से निकाले जाने वालों में भारत और चीन के विदेशी छात्र भी शामिल हैं।
खाली किए गए नागरिकों के साथ बसों या निजी कारों में पहला काफिला सुबह 10 बजे रवाना होना है, जो यूक्रेन के पोल्टावा शहर की ओर एक ही मार्ग पर है। उन्होंने कहा कि रूस के रक्षा मंत्रालय ने इंटरनेशनल रेड क्रास को लिखे एक पत्र में इस पर सहमति जताई है। साथ ही कहा कि कारिडोर का इस्तेमाल सूमी में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए भी किया जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के तेल आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। यूक्रेन पर आक्रमण के लिए जवाबी कार्रवाई में रूसी अर्थव्यवस्था पर टोल को सख्त किया है।
भारतीय छात्रों कि निकासी को लेकर कीव स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि 8 मार्च को सुबह 10 बजे से यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों को निकालने के लिए मानवीय गलियारे की घोषणा की गई है। सभी फंसे हुए भारतीयों से इस अवसर का उपयोग करने और ट्रेनोंध्वाहनों या परिवहन के अन्य उपलब्ध साधनों का उपयोग करके निकालने का आग्रह किया जाता है।
यूक्रेन के विदेश मामलों के मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने ट्वीट किया कि रूस ने मारियुपोल में 300,000 नागरिकों को बंधक बनाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि आईसीआरसी मध्यस्थता के साथ समझौतों के बावजूद मानवीय निकासी को रोकता है। कल रूसी हमले से एक बच्चे की मौत हो गई है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने फ्रांसीसी राष्ट्रपित इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ यूक्रेन संकट पर बातचीत की है। चीनी राष्ट्रपति ने दोनों ही शीर्ष नेताओं से यूक्रेन संकट पर अधिकतम संयमश् बरतने का आग्रह किया है।
यूक्रेन में रूसी आक्रमण से पलायन करने वाले लोगों से भरी बसें मंगलवार को दो संकटग्रस्त शहरों के सुरक्षित गलियारों में छोड़ गईं। ये सभी यूक्रेन से पलायन करने को मजबूर हैं। इस बीच, यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि देश से शरणार्थियों का पलायन 20 लाख तक पहुंच गया है। द्वितीय विश्व युद्घ के बाद से यूरोप में सबसे बड़े जमीनी युद्घ के बीच रूसी हमले ने लोगों को घेर लिया है। हमलों के बीच यूक्रेन के लोग भोजन, पानी और दवा की कमी से जूझ रहे हैं। ग्रीस सरकार के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि ग्रीस प्रधान मंत्री क्यारीकोस मित्सोटाकिस 13 मार्च को इस्तांबुल में तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर चर्चा करने की उम्मीद है। ग्रीस और तुर्की, नाटो सहयोगी, पूर्वी भूमध्य सागर में हवाई क्षेत्र से लेकर समुद्री क्षेत्रों तक, प्रवासन और जातीय रूप से विभाजित साइप्रस तक कई मुद्दों पर असहमत हैं।