उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 10 हजार करोड़ देने की मांग की

Spread the love

जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
उत्तराखण्ड आंदोलनकारी राष्ट्रीय मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. शक्तिशैल कपरवाण ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य बनने के 20 वर्ष बाद भी राज्य सरकार, नेता व अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया है। राज्य बनने के बाद पहाड़ी क्षेत्र की तो और अधिक दुर्दशा हुई है। उन्होंने केंद्र सरकार से उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य ढांचा, प्रणाली, सेवा, प्रबन्धन के लिए आगामी पांच वर्षों के लिए 10 हजार करोड़ रूपये आवंटित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जनपद चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ के बार्डर क्षेत्रों में रक्षा मंत्रालय की ओर से जन स्वास्थ्य की रक्षा व सुधार के लिए सुसज्जित बड़े अस्पताल बनाये जाय।
मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. शक्तिशैल कपरवाण ने कहा कि कोरोना के कारण उत्तराखण्ड में मृत्यु दर व संक्रमण में वृद्धि हुई है और पहाड़ क्षेत्र में इसका अधिक कुप्रभाव पड़ा है। इसका सबसे बड़ा कारण उत्तराखण्ड की स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा, कार्य पद्धति, आवश्यक व मौलिक सुविधाओं, अस्पतालों, डॉक्टर, स्टाफ आदि की भारी कमी है। स्वास्थ्य विभाग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्वास्थ्य संबंधी सभी बुनियादी आवश्यकताओं और सुविधाओं को प्रदान करें। इन स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यपद्धति व सेवा प्रणाली को अधिक जनोमुखी व जनोपयोगी बनाएं। डॉक्टर, स्टाफ, दवाई, पैथोलोजी लैब, एमआरआई आदि टेस्ट कराने की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आईसीयू, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन सपोर्टेड बैड, भौगोलिक विषमताओं के कारण पहाड़ी क्षेत्र में कोरोना आदि की जांच के लिए मोबाइल टेस्टिंग और मोबाइल लैब की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के जिला मुख्यालयों, बड़े शहरों आदि में पहाड़ी क्षेत्र में 250 और शहरी क्षेत्रों में 500 बेड वाला आधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पताल बनाए जाय।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *