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उत्तराखंड विस मानसून सत्र 2023: पहले दिन दिवंगत विधायकों को दी श्रद्धांजलि, धरने पर बैठे कांग्रेसी विधायक

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देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज मंगलवार से शुरू हो गया है। पहले दिन सीएम धामी समेत सदन में मौजूद सभी सदस्यों ने पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन पर शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि दी। सीएम धामी ने कहा कि चंदन रामदास का जाना हमारे लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने हमेशा हमें मजबूती देने का काम किया है। बहुत से काम थे जो वे करना चाहते थे, हम उसे पूरा करेंगे। बगेश्वर की जनता के लिए करने वाले उनके अधूरे कामों को हम आगे बढ़ाएंगे। दो दो बजे के बाद सत्र की कार्यवाही छह सितंबर बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
वहीं, सुबह सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस के विधायक जोशीमठ आपदा को लेकर विधानसभा की सीढ़िया पर धरने पर बैठ गए। कांग्रेस विधायक लोहाघाट खुशहाल सिंह अधिकारी व ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर भी प्रदर्शन में पहुंचे। कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट सुमित ह्रदयेश, विधायक धारचूला हरीश धामी, विधायक मनोज तिवारी, विधायक पिरान कलियर फुरकान अहमद, विधायक ममता राकेश और विधायक जसपुर आदेश सिंह चौहान भी प्रदर्शन में शामिल हुए। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी के साथ अतिक्रमण हटाओ अभियान पर रोक लगाने और आपदा पीड़ितों को राहत पहुंचाने जैसी मांगों को उठाते हुए सरकार से निस्तारण की मांग की। कांग्रेस विधायकों का आरोप था कि जब सत्र ही नहीं चलेगा तो वह जनता के मुद्दे कैसे और कहां उठाएंगे।
उधर, सत्र के दूसरे दिन हंगामा होने के आसार हैं। सत्ता पक्ष को सदन के भीतर और बाहर आपदा, अतिक्रमण, लोकायुक्त समेत कई अन्य मुद्दों पर विपक्ष के तीखे तेवरों का सामना करना पड़ सकता है।
तदर्थ नियुक्ति की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में विधानसभा कूच किया। कूच के दौरान शिक्षकों को पुलिस ने रिस्पना पुल के पास ही बेरीकेडिंग लगाकर रोक दिया। अतिथि शिक्षक संघ के सदस्य सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि मांग पूरी न होने तक वे धरने पर ही बैठे रहेंगे।
सदन में सरकार से पूछने के लिए सभी सदस्यों ने कमर कस ली है। विस सचिवालय को विधायकों के 614 प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं। पहले दिन निधन पर शोक के चलते प्रश्नकाल नहीं हुआ। लेकिन बुधवार को अपने और विरोधियों के प्रश्न सरकार के मंत्रियों के होमवर्क परीक्षा ले सकते हैं।
प्रदेश सरकार की ओर से बुधवार को अनुपूरक बजट पेश करने के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण समेत अन्य विधेयक, वित्त विभाग की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट, लेखा प्रत्यावेदन रिपोर्ट को सदन में पेश किया जाएगा। छह सितंबर को प्रश्न काल होगा। सात सितंबर को जन्माष्टमी पर सार्वजनिक अवकाश है। आठ सितंबर को चर्चा के बाद अनुपूरक बजट पारित किया जाएगा। आगे के सदन की कार्यवाही के लिए छह सितंबर को कार्यमंत्रणा की बैठक होगी।

जब मैदानी जिलों में सरकारी भूमि एवं परंपरागत नदियों के किनारे बसी मलिन बस्तियों को नियमित करने के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है तो पर्वतीय क्षेत्रों में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों जो लोग वर्षों से सड़कों के किनारे छोटे-छोटे व्यवसाय कर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं, उन्हें अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ा जा रहा है। बुधवार को हम इस मुद्दे को सदन में प्रमुखता से उठाएंगे। इसके अलावा आपदा सहित तमाम मुद्दों को उठाया जाएगा।
– यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष

बुधवार को पेश होगा अनुपूरक बजट
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सभी दलों से सदन को शांतिपूर्ण ढंग से चलाने में सहयोग के अपील की है। बुधवार को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सदन पटल पर अनुपूरक बजट पेश करेंगे। अनुपूरक बजट के 11100 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसके पारित होने पर बजट का आकार 88507 हो जाएगा।

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