उत्तराखंड में जंगलों की आग को हेलीकॉप्टर ऐसे कर रहे हैं कंट्रोल
देहरादून, एजेंसी। उत्तराखंड में जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए हेलीकप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के एक-एक शहरों में तैनात हेलीकप्टर जंगल में लगी आग पर काबू पा रहे हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को गृह मंत्री अमित शाह से बात कर उनसे हेलीकप्टर की मांग की थी ताकि प्रदेश में धधकते जंगलों पर कंट्रोल किया जा सके।
प्रदेश में जंगल की आग विकराल होने के साथ ही एसडीआरएफ को भी अलर्ट कर दिया गया है। एसडीआरएफ यूनिट मिस्ट ब्लअर के जरिए आग बुझाने में सहयोग प्रदान कर रही हैं। एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर ने बताया कि इस समय मैदान की यूनिट तो मुख्य रूप से कुंभ में सेवाएं दे रही हैं। लेकिन पहाड़ी जिलों में स्थित यूनिटों को वनाग्नि रोकथाम में जुटने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि जहां से भी मदद मांगी जा रही है एसडीआरफ टीमें मौके पर पहुंच कर बचाव और राहत कार्य में जुट रही हैं। मुख्य से फायर लाइन काटने और फंसे लोगों को बचाने का काम किया जा रहा है।
वन मंत्री ड़ हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में जंगल की आग लगने के कारण चार लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि सात मवेशी भी जंगल की आग की चपेट में आ चुके हैं। जंगलों में आग लगाने वाले व्यक्ति के खिलाफ वन विभाग एवं संबंधी पुलिस क्षेत्र को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिये गए हैं। यदि आग लगाने वाला पकड़ में नहीं आता है तो अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि सिविल सोयम या रिर्जव फारेस्ट को नहीं देखा जायेगा, इसमें मात्र वन देखे जायेंगे और सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि पुलिस या राजस्व स्तर पर आग लगाने वाली घटनाओं पर मुकदमा दर्ज किया जाए।
वन मंत्री ड़ हरक सिंह रावत ने कहा कि श्रम विभाग के मानक के अनुसार 8200 रुपये मानदेय पर वाचमैन के रूप में ग्रामीणों की तैनाती की जायेगी। जिसमें महिलाएं और युवक भी शामिल हो सकते हैं। इसमें महिलाएं आग नहीं बुझा सकती है तो जंगलों को आग से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चला सकती है। ढोलक बजाकर गांव-गांव में प्रचार-प्रसार करें, इसके लिए ग्रामीणों की नियुक्ति की जाए। इसके लिए वन विभाग को जल्द गांव स्तर पर वचमैन के रूप में लोगों की तैनाती करें। ताकि वनों को आग से बचाने में सफलता मिल सके। भीषण आग को देखते हुए र्केपा कोष से मिले 40 करोड़ रुपये भी लगा सकते है।
उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे के भीतर जंगलों में आग लगने की 45 घटनाएं रिकार्ड की गई। इनसे 68़7 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है। रविवार को गढ़वाल मंडल में सबसे ज्यादा 22 घटनाएं दर्ज हुई हैं, जबकि कुमाऊं में आठ घटनाओं की ही सूचना मिली। आरक्षित वन्यजीव क्षेत्रों में 10 तो सिविल व वन पंचायत क्षेत्रों में पांच स्थानों पर जंगल धधके।