हाईकोर्ट के निर्देश, दूरस्थ क्षेत्रों में कोविड जांच बढ़ाने के लिए मोबाइल वैन और टीम गठित करें

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नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य के दूरस्थ इलाकों में कोविड टेस्टिंग बढ़ाने के लिए मोबाइल वैन और मोबाइल टीम गठित करने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने, सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में उपनल और अन्य कर्मचारियों को पीपीई किट और अन्य सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने डीआरडीओ और अन्य केंद्रीय संस्थाओं की मदद से राज्य में कोविड संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए अस्थायी अस्पताल बनाने, सरकारी अस्पतालों में सिटी स्कैन, कम से कम जिला अस्पतालों में अनिवार्य रूप से यह सुविधा मुहैया कराने के निर्देश सरकार को दिए हैं।
कोर्ट ने सरकार को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि प्राइवेट अस्पताल कम से कम 25 प्रतिशत बेड बीपीएल मरीजों के लिए आरक्षित रखेंगे और उनका उपचार करेंगे। कोर्ट ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने निजी अस्पतालों में ओवरचार्जिंग पर रोक लगाने, स्वास्थ्य सचिव को रोजाना अस्पतालों के खाली बेड, टेस्ट के नतीजे आदि सार्वजनिक करने को कहा है।
कोर्ट ने टेस्ट बढ़ाने के लिए क्या किया गया, वेंटिलेटर, अक्सीजन बेड, डेली यूज इंजेक्शन, टेस्ट क्लिनिक आदि को लेकर 22 अप्रैल को तय कैबिनेट बैठक के निर्णय आदि के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पांच मई तक दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10मई की तिथि नियत की है।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद और अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में मैनाली की ओर से कोविड अस्पतालों की कमी, कम टीकाकरण, इंजेक्शन की कमी, 17 अप्रैल को एक दिन में 37 मरीजों की मौत होने आदि के मामले में प्रार्थनापत्र दिया था जिसका संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को इस प्रकरण पर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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