दिल्ली में कोरोना मरीजों पर बड़ा संकट, केजरीवाल बोले- कुछ ही घंटों की अक्सीजन बची, मोदी सरकार के सामने जोड़े हाथ
नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली में जारी कोरोना की बेकाबू रफ्तार के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में अक्सीजन का गंभीर संकट बना हुआ है। मैं फिर से केंद्र से आग्रह करता हूं कि वह दिल्ली को तत्काल अक्सीजन उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि कई अस्पतालों में केवल कुछ ही घंटों के लिए अक्सीजन बची है। उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार से दिल्ली को अक्सीजन प्रदान करने के लिए हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी एक ट्वीट कर कहा, श्श्दिल्ली के अधिकांश अस्पतालों में अगले 8 से 12 घंटों के लिए ही अक्सीजन बची है। हम दिल्ली का अक्सीजन सप्लाई कोटा बढ़ाने के लिए एक हफ्ते से मांग कर रहे हैं, जो केंद्र सरकार को करना है। अगर कल सुबह तक पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों में अक्सीजन नहीं पहुंची तो हाहाकार मच जाएगा।
वहीं, दूसरी ओर केंद्र ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि फिलहाल दिल्ली में अक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है और कुछ उद्योगों को छोड़कर अक्सीजन के अन्य तरह के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अदालत को बताया गया कि 20 अप्रैल तक की स्थिति के अनुसार, मेडिकल अक्सीजन की आवश्यकता में 133 प्रतिशत की असामान्य बढ़ोतरी का अनुमान है। दिल्ली द्वारा बताई गई मांग का प्रारंभिक अनुमान 300 मीट्रिक टन का था जिसका संशोधित अनुमान बढ़कर 700 मीट्रिक टन हो गया।
केंद्र ने हाईकोर्ट को यह जानकारी भी दी कि उसने दिल्ली सरकार के अस्पतालों को करीब 1,390 वेंटिलेटर मुहैया करवाए हैं। इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार से सवाल किया था कि क्या उद्योगों की अक्सीजन आपूर्ति कम करके उसे वह मरीजों को मुहैया कराई जा सकती है। जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने केन्द्र सरकार से कहा था कि उद्योग इंतजार कर सकते हैं। मरीज नहीं, मानव जीवन खतरे में है। बेंच ने कहा कि उसने सुना है कि गंगा राम अस्पताल के डक्टरों को कोविड-19 के मरीजों को दी जाने वाली अक्सीजन मजबूरी में कम करना पड़ रही है, क्योंकि वहां जीवन रक्षक गैस की कमी है।
मंत्रालय ने अदालत में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि दिल्ली में मेडिकल अक्सीजन की क्षमता को बढ़ाने की खातिर पीएम केयर्स फंड की मदद से आठ प्रेशर स्विंग अड्सर्पशन (पीएसए) अक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाए जा रहे हैं। उसने कहा कि इन संयंत्रों की मदद से मेडिकल अक्सीजन की क्षमता 14़4 मीट्रिक टन बढ़ जाएगी। अदालत 19 अप्रैल को कोविड-19 के संबंध में दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
बता दें कि, दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के इलाज में अक्सीजन का तर्कसंगत इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को एक कमेटी बनाई है। राजधानी के अस्पताल संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण अक्सीजन सप्लाई चरमराने जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। सरकार के एक अधिकारी ने कल बताया था कि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने अक्सीजन अडिट कमेटी गठित करने का आदेश जारी किया जो व्यर्थ खपत के क्षेत्रों को चिह्नित करेगी। आदेश में कहा गया है कि कमेटी सुनिश्चित करेगी कि कोविड-19 के रोगियों के इलाज में अक्सीजन का तर्कसंगत इस्तेमाल हो। दिल्ली में अधिकतर अस्पतालों में केवल अगले 8 से 12 घंटे के लिए ही अक्सिजन उपलब्ध है़।
हम एक हफ्ते से दिल्ली को अक्सिजन सप्लाई कोटा बढ़ाने की माँग कर रहे हैं जोकि केंद्र सरकार को करना है ़ अगर कल सुबह तक पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों में अक्सिजन नहीं पहुँची तो हाहाकार मच जाएगा़ कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली में लगाए गए छह दिन के लकडाउन के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को लोगों से अपील की है कि वे इस अवधि में घरों के भीतर ही रहें। उन्होंने कहा कि यह फैसला लोगों की सेहत और सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। दिल्ली में लकडाउन गत सोमवार को रात दस बजे से शुरू हो गया है और 26 अप्रैल को तड़के पांच बजे तक जारी रहेगा।
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में आज से लकडाउन शुरू हो चुका है। ये फैसला आपके स्वास्थ्य और सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है। पया इसमें सरकार का सहयोग करें, अपने घर पर ही रहें, संक्रमण से बचकर रहें।
सोमवार को लकडाउन की घोषणा करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि कोविड-19 के मरीज बहुत बड़ी संख्या में होने के कारण दिल्ली में स्वास्थ्य प्रणाली बहुत अधिक दबाव में है और यदि सख्त कदम नहीं उठाए गए तो प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी।
लाकडाउन के कारण निजी कार्यालय तथा अन्य प्रतिष्ठान मसलन दुकानें, मल, साप्ताहिक बाजार, निर्माण इकाईयां, शिक्षण संस्थान आदि बंद रहे और लोग भी घरों से बाहर नहीं निकले।