उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, युवती को डंडी के सहारे पहुंचाया अस्पताल मौत
उत्तरकाशी। सर बडियार पट्टी के लेपटाड़ी गांव की एक युवती ने बीते गुरुवार की देर शाम को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बडकोट में दम तोड़ा। युवती की गांव में पिछले दोनों से तबीयत खराब थी। कुर्सी पर बिठाकर युवती को किसी तरह ग्रामीणों ने लेपटाड़ी गांव से नौ किलोमीटर दूर गंगराली पुल तक पहुंचाया। वाहन मिलने पर तीन किलोमीटर दूर थातलुका तक युवती को डोली में ही बिठाकर लाए। फिर एक निजी कार के जरिये युवती को सीएचसी बडकोट तक पहुंचाया गया। शुक्रवार को युवती के शव का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव में पोस्टमार्टम किया गया।
पुरोला तहसील के अंतर्गत आने वाली सर बडियार पट्टी के आठ गांव आज भी सड़क संचार से नहीं जुड़ सके हैं। सर बडियार पट्टी के आठ गांवों तक पहुंचने के लिए आज भी कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। दूसरी बड़ी समस्या संचार सेवा की है। इस क्षेत्र में एक भी मोबाइल टावर नहीं हैं। जिस कारण ग्रामीण आपात स्थिति में भी संपर्क नहीं कर पाते हैं। यहां स्वास्थ्य सेवाओं को हाल तो और भी अधिक खराब है। आठ गांवों में एक भी एलोपैथिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है।
बीते मंगलवार से लेपटाड़ी गांव की 19 वर्षीय कंचना की तबीयत खराब हुई। दो दिन गांव में बारिश होने के कारण युवती को स्वजन अस्पताल तक नहीं पहुंचा सके। गुरुवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ी। स्थानीय निवासी कैलाश रावत ने बताया कि ग्रामीणों ने एक कुर्सी पर लकड़ी के डंडे बांधे और उसकी डंडी बनाई। बीमार युवती को डोली में बिठाया। बारिश में भीगते हुए ग्रामीणों ने युवती को गंगराली पुल तक पहुंचाया, लेकिन वहां भी गाड़ी नहीं मिली। फिर तीन किलोमीटर पैदल चले। उन्होंने कहा कि अगर गांव में सड़क और संचार सेवा होती तो युवती की जान बचाई जा सकती थी।