उत्तराखंड में बर्ड फ्लू को लेकर राज्य-जिला स्तरीय समितियों का गठन, राज्यमंत्री आर्य बोलींय स्थिति नियंत्रण में
देहरादून। उत्तराखंड में बर्ड फ्लू के संक्रमण की पुष्टि के बाद सरकार सक्रिय हो गई है। बर्ड फ्लू पर नियंत्रण और रोकथाम को राज्य व जिला स्तरीय समितियां गठित की गई हैं। पोल्ट्री सेक्टर की निगरानी को हाई अलर्ट जारी किया गया है। उन राज्यों से मुर्गी व अंडों की आपूर्ति पर रोक लगा दी गई है, जहां बर्ड फ्लू का संक्रमण अधिक होने के साथ ही पोल्ट्री सेक्टर प्रभावित है। राज्य की सीमा पर निगरानी को भी कदम उठाए जा रहे हैं। उधर, केंद्र भी राज्य में बर्ड फ्लू की स्थिति पर नजर रखे हुए है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने वन विभाग को रोजाना रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में सात जनवरी से परिंदों के मृत मिलने का सिलसिला शुरू होने से यहां भी बर्ड फ्लू की आशंका जताई जा रही थी। इस बीच मृत मिले आठ पक्षियों के सैंपल जांच को राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (एनआइएचएसएडी) भोपाल भेजे गए। इनमें देहरादून के एक और कोटद्वार के दो सैंपलों में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस की पुष्टि हुई। सोमवार देर शाम इसकी रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार सक्रिय हो गई।
पशुपालन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य के अनुसार राज्य में बर्ड फ्लू की स्थिति नियंत्रण में है। अभी तक जंगली पक्षी ही मृत मिले हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल पोल्ट्री सेक्टर में बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं है। यह सेक्टर पूरी तरह से निगरानी में है और हाई अलर्ट जारी किया गया है। राज्य की सीमा पर निगरानी के मद्देनजर पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजा गया है।
सचिव पशुपालन आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि बर्ड फ्लू पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम के मद्देनजर राज्य व जिला स्तरीय पर समितियां गठित की गई हैं। राज्य स्तरीय समिति में अपर मुख्य सचिव अथवा षि उत्पादन आयुक्त अध्यक्ष और प्रमुख सचिव अथवा सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, वन एवं पर्यावरण, सचिव पशुपालन, जीबी पंत विश्वविद्यालय के उपकुलपति के प्रतिनिधि, प्रमुख वन संरक्षक, महानिदेशक स्वास्थ्य, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को सदस्य बनाया गया है। निदेशक पशुपालन समिति के सदस्य सचिव व संयोजक होंगे। इसी तरह जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समितियां गठित की गई है। इनमें संबंधित जिले के सीएमओ, डीएफओ सदस्य होंगे, जबकि सीवीओ को सदस्य सचिव बनाया गया है। उधर, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के डीआइजी (वन्यजीव) ने वीडियो कफ्रेंसिंग के जरिये मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से राज्य में बर्ड फ्लू की स्थिति की जानकारी ली।