उत्तराखण्ड में कोरोना के मरीजों की संख्या 1692 हुई, 4417 रिपोर्ट का है इंतजार
देहरादून। राज्य में शुक्रवार को 37 नये कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। इनमें 15 अकेले देहरादून के ही हैं। अब कुल पॉजिटिव केस की संख्या 1692 पहुंच गई है। वहीं, 895 मरीज ठीक भी गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को 1082 केस की रिपोर्ट निगेटिव आई है। अभी तक कुल निगेटिव केस की संख्या 35,670 हो गई है। पॉजिटिव केस 15 देहरादून में आने के साथ ही तीन चमोली, छह हरिद्वार, सात रुद्रप्रयाग, एक टिहरी, पांच यूएसनगर में पाए गए हैं। शुक्रवार को 895 सैंपल नये जांच को भेजे गए हैं।
253 अल्मोड़ा, 58 चमोली, 71 देहरादून, 155 हरिद्वार, 63 नैनीताल, 64 पौड़ी, 50 रुद्रप्रयाग, 27 टिहरी, 68 यूएसनगर, 60 उत्तरकाशी और 26 सैंपल प्राइवेट लैब में जांच को भेजे गए।
अभी 15,102 लोग संस्थागत क्वारंटाइन हैं। डबलिंग रेट अभी 17.28 दिन तो रिकवरी रेट 52.90 प्रतिशत है। कुल सैंपल में पॉजिटिव आने वाले सैंपल का प्रतिशत 4.53 प्रतिशत है।
राज्य में अभी तक कुल 19 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हो गई है। हालांकि अधिकतर मामलों में कोरोना पॉजिटिव की मौत के लिए स्वास्थ्य विभाग दूसरे कारण बता रहा है। 19 में एक की मौत के कारण को स्पष्ट नहीं बताया जा रहा है।
4417 रिपोर्ट का है इंतजार
अभी राज्य में 4417 रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इनमें सबसे अधिक 1948 हरिद्वार, 430 अल्मोड़ा, 64 बागेश्वर, 161 चमोली, 72 चंपावत, 85 देहरादून, 135 नैनीताल, 162 पौड़ी, 123 पिथौरागढ़, 89 रुद्रप्रयाग, 583 टिहरी, 382 यूएसनगर, 183 उत्तरकाशी की रिपोर्ट हैं।
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हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में कोरोना जांच का काम बंद
देहरादून। कुमाऊं में कोरोना सैंपल की जांच का काम बंद हो गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की वायरोलॉजी लैब में संक्रमण की आशंका बताई गई है। जिस कारण कोरोना सैंपल जांच की सही रिपोर्ट मिलने में परेशानी आ रही है। इस समस्या को देखते हुए गुरुवार दोपहर से कोरोना सैंपलों की जांच का काम प्रयोगशाला में बंद कर दिया गया है।
इस परेशानी के कारण कुमाऊं के पांच जिलों से आए 918 कोरोना संदिग्धों के सैंपलों की जांच रुक गई है। अब इन संदिग्धों की जांच रिपोर्ट जारी होने में दो से तीन दिन का अतिरिक्त समय लग सकता है।
मेडिकल कॉलेज ने सभी जिलों के सीएमओ को पत्र भेजकर कोरोना संदिग्धों के सैंपल न भेजने को कहा है। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा ने बताया कि वायरोलॉजी प्रयोगशाला में संक्रमण की आशंका हमेशा बनी रहती है।
लगातार तीन महीने से यहां काम चल रहा है। सैंपल जांच कर रही पीसीआर मशीन की रीडिंग ठीक नहीं आ रही। जिससे रिपोर्ट प्रभावित हो सकती है।
इसे देखते हुए प्रयोगशाला में फिल्हाल कोरोना सैंपल जांच का काम अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया है। कोशिश है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान कर जांच दोबारा शुरू करवाई जाए।