उत्तरी कड़ाकोट क्षे़त्र में मोबाइल टावर लगने से ग्रामीणों के चेहरे खिले
चमोली। पहली बार मोबाइल की घंटी बजने से उत्तरी कड़ाकोट क्षे़त्र के एक दर्जन से अधिक गांवों में ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे हैं। अब वो अपने घरों के अंदर ही न केवल स्वजनों से बात कर पाएंगे, बल्कि इंटरनेट के माध्यम से दुनिया से रूबरू भी हो पाएंगे। पहले ग्रामीणों को दूर जंगल में जाकर स्वजनों से बात करनी पड़ती थी। यहां तक कि छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए भी घर से दूर जंगल में जाना पड़ता था। नारायणबगड़ ब्लॉक का उत्तरी कड़ाकोट क्षेत्र आज तक दूरसंचार सुविधा से महरूम था। आवश्यक कार्य और स्वजनों से बात करने के साथ ही छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। क्षेत्र के कोट, भटियाणा, सुनभी, कोठली, सैंज, खैतोली, चिरखून, कफारतीर, कोथरा, बेथरा, भुलक्वाणी आदि गांवों के ग्रामीण लंबे समय से इस क्षेत्र को दूरसंचार सुविधा से जोड़ने की मांग कर रहे थे। इसे लेकर शासन-प्रशासन से कई बार पत्राचार भी किया गया। हाल ही में वीसी दरबान सिंह की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने क्षेत्र को संचार सुविधा से जोड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद जियो कंपनी ने दिलचस्पी दिखाते हुए यहां टावर लगाकर इन गांवों को दूरसंचार सुविधा से जोड़ दिया। सांसद तीरथ सिंह रावत ने इसका उद्घाटन भी किया। प्रधान कोठली कलावती देवी का कहना है कि कड़ाकोट पट्टी के गांवों को दूरसंचार सुविधा से जोड़कर सरकार ने इन गांवों के लिए नए युग की शुरुआत की है। कोट के प्रधान भूपेंद्र सिंह कहते हैं कि अब छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन पढ़ाई घर पर ही हो सकेगी। उन्हें मोबाइल सिग्नल के लिए जंगल में नहीं जाना पड़ेगा। वहीं छात्र महावीर सिंह का कहना है कि अब वह घर पर ही प्रतियोगी परीक्षाओं के ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। जियो कंपनी के इंचार्ज वाई सिंह का कहना है कि उपभोक्ताओं की मांग पर इस क्षेत्र में जियो कंपनी ने टावर लगा दिया है। विधायक थराली मुन्नी देवी शाह ने कहा कि सरकार की ओर से हर गांव को दूरसंचार सुविधा से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इस पर तेजी से काम किया जा रहा है।