वन मंत्री ने दिया पौड़ी गढ़वाल को तोहफा, रथुवाढाब व कोटद्वार से रामनगर को चली बसें
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पौड़ी गढ़वाल के आज शुक्रवार का दिन राहत भरा रहा। उत्तराखण्ड वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने जनपद पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा व रिखणीखाल, नैनीडांडा विकासखंडों की जनता को तोहफा देते हुए वर्षों से वन विभाग द्वारा रोकी गई कोटद्वार रामनगर व रथुवाढाब-रामनगर वन मार्गों पर बस संचालन को पुन: शुरू कर दिया। विकासखंड रिखणीखाल के कार्बेट नेशनल पार्क से लगे रथुवाढाब-रामनगर वन मार्ग का उदघाटन वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने किया। इस मार्ग पर पिछले 12 सालों से वाहनों का संचालन बंद था। वन मंत्री के अथक प्रयास से उक्त मार्ग पर वाहन संचालन की अनुमति मिली है। मार्ग खुलने से स्थानीय जनता लाभान्वित होगी। वहीं कोटद्वार से रामनगर के लिए जीएमओयूलि की बस को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। कोटद्वार-रामनगर मार्ग पर दो साल से वाहनों का संचालन बंद पड़ा था।
शुक्रवार को रथुवाढाब स्थित वन विश्राम भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय विधायक दिलीप रावत ने 12 वर्षों बाद उक्त मार्ग के खुलने को सरकार की उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि वन्य जैव विविधता का सुंदर प्रकृति दर्शन व रोजगार के अवसरों से विकास होगा। मैदावन दुर्गा देवी वन मार्ग पर विभागीय अनुमति न होने का मुख्य कारण एनजीओ हैं। वन्य गांवों में रह रहे लोगों को किसी तरह की रोक नही हैं। डे विजिट सफारी तथा ढौंटियाल से हल्दूखाल तक बीस करोड़ की लागत से सड़क का हाटमिक्स डामरीकरण एक माह में किया जायेगा। इस अवसर पर वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि पौड़ी जनपद का दो तिहाई हिस्सा वनाछादित होने पर भी पर्यटन या रोजगार का लाभ गढ़वाल क्षेत्र को नहीं मिल पाया है। नैनीडांडा, रिखणीखाल, दुगड्डा, जयहरीखाल ब्लॉक की सीमाओं से लगे क्षेत्र के लिये यह योजना संजीवनी का काम करेगी। उन्होंने कहा कि वे यह नया सर्किट लागू नहीं कर रहे हैं बल्कि पुनर्जीवन दे रहे हैं। पर्यटन की राह कुमाऊं की अपेक्षा गढ़वाल के इस गेट से नजदीक होगी। टाइगर सफारी हेतु अभी 15 जिप्सियों का पंजीकरण हुआ है। क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने मगनूंखाल-फुलैचौड़-ढिकाला-तैड़ियाखाल-तैड़िया वन मार्ग, पार्क से लगे सभी गांवों के पैदल मार्ग सफाई, लैंटाना उन्मूलन, मोबाइल नेटवर्किंग, बुकिंग कार्यालय मैदावन, रथुवाढाब में खोले जाने, स्थानीय लोगों को गाइड बनाने, वन्य जीवों से हो रहे खेती नुकसान मुआवजा बढ़ाने, जानमाल की हानि पर दुगुनी राशि देने की मांग की। कार्यक्रम में कृषि प्रभारी जेपी मिश्रा, बीएल मधवाल, जिला पंचायत सदस्य विनयपाल नेगी, ब्लाक प्रमुख मनोहर देवरानी, क्षेत्र पंचायत सदस्य बिनीता ध्यानी, डीएफओ अखिलेश तिवारी, मोहन नेगी, पूर्व जिपंस रमेश रावत, अनिल ध्यानी, देवा देवी प्रधान, अनीता देवी प्रधान कांडा, डॉ. एपी ध्यानी, मनोज मधवाल आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन देवेन्द्र रावत ने किया।
कोटद्वार से दो साल बाद रामनगर को चली बस, काबीना मंत्री डॉ. रावत ने दिखाई हरी झंडी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ. हरर्क ंसह रावत ने कोटद्वार-पाखरो-मोरघट्टी-कालागढ़-रामनगर वन मोटर मार्ग का उदघाटन किया। मंत्री ने जीएमओयूलि की बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मार्ग पर पिछले दो साल से वाहनों का संचालन बंद था। जीएमओयूलि के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने कहा कि पूर्व से ही वन मार्ग कोटद्वार-कालागढ़-रामनगर पर कम्पनी के दो वाहनों के संचालन की अनुमति है, लेकिन जनता की मांग पर उक्त मार्ग पर कम्पनी एक अतिरिक्त बस का संचालन करना चाहती है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार स्थानीय विधायक एवं वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बस को हरी झंडी दिखाकर कालागढ़ के लिए रवाना किया। वन मंत्री ने कहा कि वह कोटद्वार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस मौके पर जीएमओयूलि के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने कहा कि वन मंत्री के अथक प्रयास से ही यह मोटर मार्ग खुल पाया है। उक्त मोटर मार्ग पर कम्पनी की बसों को कुछ सीमित अवधि के लिए ही अनुमति मिलती है। जबकि यह एक मात्र सड़क है तो गढ़वाल को कुमाऊं से जोड़ती है। इस मार्ग पर साल भर वाहनों के संचालन की अनुमति न होने से कंपनी के वाहनों को उत्तर प्रदो से होकर गुजरना पड़ता है। जिससे वाहन स्वामियों को टैक्स भी भरना पड़ता है और समय भी अधिक लगता है। आम जनता के हित में इस मार्ग पर वाहनों के संचालन की अनुमति वर्ष भर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वन मार्ग पर कंपनी के वाहनों को चीला बैरियर चैक पोस्ट में 150 रूपये, पाखरो मोरघट्टी चैक पोस्ट पर 250 रूपये प्रतिवाहन अदा करना पड़ता है। वहीं कोटद्वार-कालागढ़-रामनगर मार्ग पर संचालित वाहनों को दो स्थानों पर 560 रूपये टोल टैक्स देना पड़ता है। इस राशि को कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 18 से 20 वर्ष पूर्व कम्पनी की बस सेवा कोटद्वार-मैदावन-रामनगर वाया लोहचौड़-दुर्गादेवी वन मार्ग पर भी संचालित होती थी, लेकिन वन नियमों के तहत कंपनी की बस सेवा बंद कर दी गई है। कंपनी को उक्त मार्ग पर बस संचालित करने की अनुमति दी जाय। इस अवसर पर जीएमओयूलि के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल, संचालक मंडल के सदस्य कुंवर सिंह रावत, नरेन्द्र सिंह भंडारी, भास्करानन्द भारद्वाज, नरेन्द्र सिंह नेगी, विपिन सिंह चन्द, कंपनी की जनरल मैनेजर श्रीमती उषा सजवाण, सचिव विजयपाल सिंह नेगी आदि मौजूद थे।
पूर्व मंत्री ने बस संचालन पर उठाये सवाल
कोटद्वार। प्रदेश के पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कोटद्वार-कालागढ़-रामगनर वन मार्ग पर जीएमओयू की बस संचालन पर सवाल उठाते हुए आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक पर कोटद्वार के विकास को लेकर गैर जिम्मेदाराना रवैया एवं लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कोई नया मार्ग नहीं है, पुराना मार्ग होने के कारण उक्त मार्ग पर जीएमओयू की बसे पहले से ही चलती आ रही है। लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार आते ही उक्त मोटर मार्ग पर जीएमओयू की बसों के संचालन को रोक दिया गया था। जिस कारण जीएमओयू कम्पनी की बसों के स्वामियों को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उक्त मोटर मार्ग पर नियमित बसों का संचालन होता रहा है, लेकिन पिछले दो सालों तक उक्त मोटर मार्ग पर बसों का संचालन बंद पड़ा हुआ था।