वन विभाग पर लगाया मुआवजा देने से मुकरने का आरोप

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी।
गुलदार के हमले में घायल हुई किशोरी की माँ ने वन विभाग पर मुआवजा दिए जाने से मुकरने का आरोप लगाया है। किशोरी की माँ का कहना है कि घटना के दौरान वन विभाग ने 15 हजार नगद मुआवजा दिया था। शेष 35 हजार खाते में ऑन लाइन दिए जाने की बात कही थी। लेकिन अब वन विभाग मुकर रहा है। वहीं प्रभागीय वनाधिकारी का कहना है कि बालिका साधारण रूप से घायल थी। मानकों के तहत मुआवजा दे दिया गया है।
बीते वर्ष 23 अक्टूबर को मांडाखाल में गुलदार ने अचानक हमला कर किरन सिंह की पुत्री काजल को घायल कर दिया था। जिस पर परिजन काजल को उपचार के लिए बेस अस्पताल श्रीनगर ले गए थे। काजल की माँ पुष्पा देवी ने बताया कि घटना के दूसरे दिन ही वन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें मुआवजे के तौर पर 15 हजार की धनराशि नगद दी थी। साथ ही वन विभाग के अधिकारियों ने 35 हजार की धनराशि खाते में ऑल लाइन दिए जाने की बात कही थी। पुष्पा देवी ने बताया कि अब वन विभाग शेष 35 हजार की धनराशि देने से मुकर रहा है। जबकि इस संबंध में वह वन विभाग के अधिकारियों के कई चक्कर लगा चुकी हैं। पुष्पा देवी ने कहा कि अभी उनकी बेटी के स्वास्थ्य में पूर्ण रूप से सुधार भी नहीं आया है। इलाज में उन्हें आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है। गुरूवार को इस संबंध में पुष्पा देवी ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा। वहीं प्रभागीय वनाधिकारी केएस रावत ने बताया कि चिकित्सीय प्रमाण पत्र के अनुसार काजल गुलदार के हमले मे साधारण घायल हैं। मानकों के तहत साधारण घायल को 15 हजार का ही मुआवजा दिया जाता है। जो पहले ही दिया जा चुका है। गंभीर रूप से घायल होने पर ही 50 हजार का मुआवजा मिलता है।

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