वनाग्नि की घटनाओं से मवेशियों को चारा संकट
अल्मोड़ा। गर्मी बढ़ने के साथ जंगलों में आग की घटनाएं भी लगातार बढ़ रहीं है। जंगलों में बढ़ती आग की घटनाओं से अब ग्रामीणों को पालतू मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था का संकट खड़ा हो गया है। जिससे लोगों की दिक्कतें बढ़ गई है। आलम यह है कि बीते कई दिनों जागेश्वर विधान सभा के विकास खंड धौलादेवी के राजकीय वनों व सिविल वनों में आग के चलते क्षेत्र में वातावरण दूषित हो चुका है। लाखों की वन संपदा आग की भेंट चढ़ चुकी है। क्षेत्र के अधिकांश लोग दुधारू पशुओं को पालकर आजीविका चलाने का काम करते है। लेकिन आग में धधक रहे जंगलों में अब चारा पत्ती का संकट खड़ा हो गया है। वहीं बीते दिनों ग्राम पंचायत दयराखोली कमेडीमा तोक के वनपंचायत में आग लगने से क्षेत्र में घास के लूट्टे भी आग की चपेट में आ गए। इसके अलावा क्षेत्र में विभिन्न स्थानों आरसलपड, रंगोड़ी, दयराखोली, बेलक, चिमखोली, भनोलासैम सहित भनोली सहित सभी जंगल आग की चपेट में आ रहे हैं। ग्राम पंचायत दयराखोली निवासी आनंद राम ने बताया क्षेत्र के सरकारी व सिविल वनों में आग लगने से क्षेत्र का वातावरण दुषित हो गया है। बुजुर्ग लोगो को सांस, आंखो में जलन संबंधित बीमारी हो रही है। वहीं आरासलपड निवासी गणेश पांडे ने बताया कि सरयू घाटी सरकारी व सिविल वन धूधू कर जल रहे हैं। करोड़ो की धनराशि सरकार जंगलों के संरक्षण में खर्च करती है। लेकिन इसके बाद भी जंगलों में आग की घटनाएं अब गर्मी बढ़ने के साथ ही बढ़ने लग गई है।