उत्तराखंड

कैलाश नदी में खनन कर रहे वाहनों को रोका

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रुद्रपुर। कैलाश नदी में तुर्कातिसौर के पास एक कंपनी की पोकलेन व जेसीबी मशीनें खनन में लगी हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि खनन की अनुमति नानकमत्ता उपतहसील के खैराना की है और कंपनी की मशीनें सितारगंज तहसील के तुर्कातिसौर में खनन कर रही हैं। यहां यूपी से भी पहुंचे दर्जनों वाहन मिट्टी ढुलान में लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है दिन-रात चल रहे अनियोजित खनन से ग्रामीणों को भविष्य में बाढ़ का खतरा सताने लगा है। रविवार को ग्रामीणों व स्थानीय ट्रांसपोर्टर्स ने नदी में पहुंचकर खनन वाहन रोक दिए। यहां मशीनों को भी खनन करने नहीं दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन को जानकारी दी, लेकिन किसी के मौके पर नहीं पहुंचने पर रोष जताया। इन दिनों नदियों में दिन-रात धड़ल्ले से खनन चल रहा है। प्रशासन का दावा है कि खनन के पट्टे दिए गए हैं। रविवार को ग्रामीणों का कहना था कि खनन का पट्टा खैराना का है तो कंपनी को खैराना क्षेत्र से मिट्टी उठान करना चाहिए। ग्रामीण प्रशासन से पैमाइश की मांग कर रहे थे। लेकिन रविवार होने के कारण कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। मौके पर पहुंचे मिट्टी कारोबारियों का कहना था कि प्रशासन इन ओवरलोड वाहनों की चेकिंग भी नहीं कर रहा है। इनकी रायल्टी नहीं जांची जा रही है। ट्रांसपोटर्स मंजीत ज्ञानी ने आरोप लगाया कि 240 किमी दूरी की रायल्टी काटी जा रही है, जिसमें 12 घंटे का समय अंकित किया जा रहा है। जबकि मिट्टी आठ किमी दूरी में डाली जा रही है। एक ही रायल्टी से दिनभर मिट्टी ढ़ुलान हो रहा है। स्थानीय ट्रांसपोटर्स को काम नहीं दिया जा रहा है। आरोप लगाया कि कंपनी कहीं से भी नदी में मिट्टी खोदने लग जा रही है। विरोध को देखते हुए कंपनी ने खनन कार्य रोक दिया। एसडीएम रविंद्र जुवाठा ने बताया कि कैलाश नदी में आठ खनन के पट्टे निर्गत किए गए हैं। पट्टाधारक किसको बेच रहे हैं, कहां का पट्टा जारी हुआ है, इसका रिकॉर्ड कार्यालय में है।

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