विचाराधीन कैदी की मौत से परिवार सदमे में

Spread the love

मौत से एक घंटा पहले जितेंद्र को भाई ने किया था फोन
चम्पावत। न्यायिक बंदी गृह लोहाघाट में एक विचाराधीन कैदी जितेन्द्र कुमार की मौत से उसका भाई बहादुर बेहद आहत है। बहादुर ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन तो उसकी मौत से एक घंटा पहले फोन पर बात हुई थी। ये हादसा हो जाएगा उसे यकीन नहीं हो रहा है। ये सब कैसे हुआ पूरे परिवार की समझ से परे है। भाई के मुताबिक मुकदमा दर्ज होने के बाद से जितेंद्र अवसाद में आ गया था। बहादुर ने बताया कि वह दोनों दिल्ली में खुशी-खुशी पेंटिंग और केबिल आदि काम करते थे। वह अपने भाई के साथ अक्सर बनबसा अपनी ताई से मिलने आते रहते थे। भाई बहादुर ने बताया कि लड़कपन में हो सकता है जितेन्द्र की किसी से जान पहचान हो गई थी। इसी दौरान कुछ परिस्थितियां ऐसी आई कि दोनों एक दूसरे को चाहने लगे थे। इसी जनवरी माह में दोनों भागते हुए पकड़े गए। कहा कि भाई पर संगीन जुर्म की कई धाराएं लग गई। बहादुर बोला कि मेरे भाई से गलती जरूर हुई लेकिन वह अपराधी नहीं था। उसने बताया कि गणतंत्र दिवस के दिन दोपहर तीन बजे उससे बात हुई। उससे कहा भी तू फ्रिक मत कर मैने तेरे लिए पांच हजार रुपये में वकील भी कर लिया। लेकिन नेटवर्क सही न होने से पूरी बात नहीं हो पाई। बहादुर ने रुआंसा होते हुए कहा कि जेल में रहते हुए वह ड्रिप्रेसन में तो आ ही गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *