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विदेशों से आ रही दवा की मांग: आचार्य बालकृष्ण

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देहरादून। पतंजलि की कोरोनिल दवा पर लॉन्चिंग के कुछ समय बाद ही पेंच फंस गया। पूरे मामले में बोलते हुए आचार्य
बालकृष्ण ने कहा है कि कोरोनिल दवा को लेकर पूरी दुनिया से पतंजलि के पास फोन आ रहे हैं। इसके साथ ही कई
देश इस आयुर्वेदिक दवाई का क्लीनिकल ट्रायल खुद करने की बात कह रहे हैं, जो हमारे लिए गर्व की बात है। आचार्य
बालकृष्ण ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि अपने ही देश के कुछ लोगों को पतंजलि की यह उपलब्धि हजम नहीं
हो रही। कोरोनिल दवा पर पहली बार बोलते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि दवा पर आयुष विभाग से ज्यादा पतंजलि
ने रिसर्च किया है। बालकृष्ण ने कहा कि जिस आयुष मंत्रालय की बात की जा रही है, उससे ज्यादा रिसर्च पतंजलि ने
किया है। इंटरनेशनल रिसर्च जनरल में पतंजलि के रिसर्च पब्लिश हैं। यही नहीं पूरे भारत में किसी भी संस्थान से सबसे
अधिक साइंटिस्ट और रिसर्चर पतंजलि में काम कर रहे हैं। आलोचकों पर निशाना साधते हुए बालकृष्ण ने कहा कि
जिनकी मानसिकता गुलामों वाली होती है, वह किसी भी बात को सहजता से स्वीकार नहीं करते हैं। जब बाबा रामदेव ने
योग शुरू किया था, तब भी कुछ लोगों ने विरोध किया। लेकिन कुछ समय बाद उन्हीं लोगों ने योग को अपनाया था।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जिसे आयुर्वेद की ताकत के बारे में नहीं पता है, उसे भविष्य में उसकी अहमियत पता
चल जाएगी, क्योंकि आने वाले समय में तमाम लोग योग की तरह आयुर्वेद के लिए भी काम करेंगे। उस दिन हमें खुशी
और गर्व महसूस होगा। बालकृष्ण के मुताबिक, कोरोनिल दवा अभी बाजार में नहीं आएगी क्योंकि दवा की कागजी
कार्रवाई अभी पूरी नहीं हुई है। ऐसे में लोगों को थोड़ा समय इंतजार करना पड़ेगा।

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