उत्तराखंड

सरकार के फैसले के समर्थन में आए ग्राम विकास अधिकारी

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देहरादून। ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को हर ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी या ग्राम विकास अधिकारी में किसी एक अधिकारी को तैनात किए जाने के सरकार के फैसले का समर्थन किया गया। ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन ने सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताया। फैसले को गलत बताने वालों का विरोध किया गया। एसोसिएशन की अनलाइन हुई बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष महाबीर विक्रम सिंह ने कहा कि एक ही अधिकारी तैनात किए जाने से मानव शक्ति का सही इस्तेमाल हो सकेगा। कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की पंचापतीराज संस्थाओं और ग्राम पंचायतों को मजबूती मिलेगी। ग्रामीण जनता के काम और तेजी से आएंगे। जो लोग विरोध कर रहे हैं, वो भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। शासनादेश का विरोध कर पंचायतों को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। शासनादेश जारी होने से किसी भी कर्मचारी का हित प्रभावित नहीं हो रहा है। कहा कि उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी का पद मृत संवर्ग घोषित था। ये उत्तराखंड में कब पुर्नजीवित हुआ। इसकी जांच की जानी चाहिए। राज्य में वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि किसी सम्वर्ग की वेतन विसंगति पर किसी भी अन्य सम्वर्ग से तुलना नहीं होगी। केवल केंद्र या केन्द्र शासित प्रदेश के ही सम्वर्ग की तुलना होगी। उत्तराखंड राज्य में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सम्वर्ग का एक ही समय को दो बार उच्चीत किया गया। जबकि केंद्र में ऐसा कोई पद सृजित नहीं है। बैठक में संजय डबराल, हेम काण्डपाल, सुभाष चन्द्र भट्ट, तनवीर असगर, अशोक कुमार शर्मा, दिलमाण जोशी, प्रकाश जोशी, प्रदीप भट्ट, रजा अशरफ, महेशचन्द्र, भगवान सिंह राणा, मोहम्मद असलम, उमाकान्त आदि मौजूद रहे।

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