जिला मुख्यालय पौड़ी में ग्राम प्रधानों ने किया प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
-कहा मांगों का जल्द समाधान नहीं किए जाने पर हड़ताल के लिए मजबूर हो जाएंगे प्रधान
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। जिले के ग्राम प्रधानों ने मुख्यालय पौड़ी पहुंच प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। प्रधानों ने कहा कि प्रदेश सरकार से लगातार 12 सूत्रीय मांगों के समाधान की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार प्रधानों की उपेक्षा करती जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानों की समस्याओं का जल्द समाधान नहीं किया जाता है, तो वे हड़ताल के लिए मजबूर हो जाएंगे।
बुधवार को जिला मुख्यालय पौड़ी में ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष कमल रावत के नेतृत्व में ग्राम प्रधानों ने हेमवती नंदन बहुगुणा मूर्ति स्थल पर प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार त्रिस्तरीय पंचायतों को कमजोर करने का काम कर रही है। जिससे समस्त प्रधानों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि सीएससी केंद्र को ग्राम पंचायत द्वारा भुगतान किए जाने वाला आदेश तत्काल वापस लिया जाय। ग्राम पंचायत निधि में 15वें वित्त के तहत भारी कटौती की जा रही है, जिसे पूर्व की भांति कंटीजैंसी की राशि 10 प्रतिशत की रखी जाय। जिलाध्यक्ष कमल रावत ने कहा कि जिलाधिकारी हो या जिले के प्रभारी मंत्री, विधायक हो या मुख्यमंत्री हर किसी से प्रधानों की समस्याओं के समाधान की गुहार लगाई गई। लेकिन कोई समस्याओं के समाधान को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा है। संगठन लगातार 73 वें संविधान के प्रावधानो को लागू करते हुए 29 विषयों को शीघ्र पंचायतों को हस्तांतरित किए जाने, मनरेगा कार्य दिवस 100 से बढ़ाकर 150 दिवस किए जाने, पंचायतों में कनिष्ठ अभियंता व कम्प्यूटर ऑपरेटर नियुक्त किए जाने, कोरोना महामारी के चलते पंचायतों की अवधि दो साल बढ़ाए जाने, मनरेगा के अद्र्घकुशल श्रमिक की मजदूरी बढ़ाकर 250 किए जाने सहित 12 सूत्रीय मांगों के समाधान की मांग की है। ग्राम संगठन ने एडीएम पौड़ी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। इस अवसर पर ब्लाक अध्यक्ष कल्जीखाल प्रमोद रावत, बृजमोहन बहुगुणा, देवेंद्र रावत, ओमपाल बिष्ट, पंकज पोखरियाल, मीना बेलवाल सहित बड़ी संख्या में ग्राम प्रधान मौजूद रहे।