मंदाल घाटी के ग्रामीणों ने किया रथुवाढाब वन चौकी का घेराव

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बाघ के आतंक से निकाज तो ग्रामीणों ने निकाली पैदल यात्रा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे बाघ के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने रथुवाढाब वन चौकी का घेराव किया। कहा कि क्षेत्र में हो रही बाघ के हमलों की घटना के बाद भी वन विभाग ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह बना हुआ है।
रिखणीखाल प्रखंड का समूचा इलाका मंदाल घाटी व पैनो घाटी बाघ के दहशत से भयभीत है। आए दिन ग्रामीणों को बाघ गांव के आसपास घूमता हुआ दिखाई दे रहा है। एक सप्ताह पहले ग्राम जुई,पापड़ी,अमडंडा,पडियारा पाणी में पांच बाघ एक स्थान टहलते देखे गये। उसके दो तीन दिन बाद ग्राम डला निवासी वीरेंद्र सिंह को घर के पास ही बाघ ने गेंहू की कटाई करते समय अचानक हमला बोल दिया। बाघ उन्हें घसीटते हुए जंगल की ओर ले गया। बामुश्किल लोगों ने बाघ के चंगुल से क्षत विक्षत शव बरामद किया। पूरा इलाका बाघ के आतंक से भयभीत है। लागातार बढ़ रही दहशत को देखते हुए रविवार को पूर्व ब्लॉक प्रमुख रिखणीखाल पिंकी नेगी के आह्वान पर दर्जनों गांवों के लोग इकठ्ठा होकर वन विभाग चौकी रथुवाढाब का घेराव व जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन करने वालों ने हाथ में विरोध प्रदर्शन सम्बन्धी तख्तियां पकड़ी हुई थी। जिन पर अनेक स्लोगन व नारे लिखे थे। ग्रामीणों का कहना था कि बाघों को सरकार बचा रही है,लेकिन हम रिखणीखाल वालों को इन बाघों से कौन बचायेगा। विरोध प्रदर्शन व घेराव में रथुवाढाब,कर्तिया,नौदानू,कुमाल्डी,बंजा आदि के ग्रामीण भी मौजूद थे। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य कर्तिया विनयपाल सिंह नेगी सहित अन्य ग्रामीण मौजूद हरे।

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