15 दिन से पेयजल आपूर्ति बाधित, जल संस्थान कार्यालय में गरजे ग्रामीण
-ऊपरी गिवईस्रोत में ग्रामीण जूझ रहे पेयजल किल्लत से, शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : ऊपरी गिवईस्रोत व वार्ड नंबर चार में पिछले 15 दिनों से लोग पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद जल संस्थान के कर्मचारी समस्या के निस्तारण को तैयार नहीं है। जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को जल संस्थान कार्यालय में अधिकारियों को अपनी समस्या बताई और जल्द पेयजल आपूर्ति सुचारू करने की मांग की।
वार्ड नंबर चार के पार्षद कुलदीप कांबोज व पार्षद प्रवेंद्र रावत ने बताया कि पिछले 15 दिनों से ऊपरी गिवईस्रोत व वार्ड नंबर चार में पेयजल किल्लत बनी हुई है। कभी तो पानी आता ही नहीं है और कभी आता भी है तो प्रेशर बहुत कम रहता है। जिससे लोगों को पीने तक के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों को अन्य माध्यमों से पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल संस्थान के जेई से भी कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। बताया जा रहा है कि पाइप लाइन में ब्लॉकेज के चलते उक्त समस्या बनी हुई है। कहा कि अभी गर्मियां शुरू भी नहीं हुई हैं और लोग पेयजल किल्लत से जूझने लगे हैं। जल संस्थान की कार्यप्रणाली इतनी लापरवाह है कि एक ब्लॉकेज की समस्या तक को निस्तारित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने रोष जताया कि बिल के नाम पर ग्रामीणों से मोटी रकम वसूली जा रही है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं दिया जा रहा है। इस समस्या को लेकर ग्रामीण बुधवार को जल संस्थान के कार्यालय गए और सहायक अभियंता को पत्र सौंपा। अधिकारियों ने जल्द समस्या के निस्तारण का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जल्द समस्या निस्तारित नहीं हुई तो वह उग्र आंदोलन करेंगे। इस मौके पर सुधा असवाल, कुसुम देवी, मंजू देवी आदि मौजूद रहे।
जगह-जगह पाइप लाइन हो रही लीक
ग्रामीणों ने जल संस्थान के अधिकारियों को बताया कि नजीबाबाद रोड पर जगह-जगह पानी की लाइनों में लीकेज की समस्या बनी हुई है। जिसके कारण भी कई क्षेत्रों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने कहा कि गर्मियां आ रही हैं, यदि इस लीकेज की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया तो यह समस्या और भी विकराल रूप ले लेगी। ग्रामीणों ने अधिकारियों से जल्द से जल्द लीकेज की समस्या के निस्तारण की मांग की।