व्यापारियों ने की माघ मेले को पौराणिक स्वरूप में मनाने की माँग

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उत्तरकाशी। मंकर संक्राति से प्ररांभ होने वाले पौराणिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक माघ मेले को लेकर स्थानीय व्यापारियों ने पुराने स्वरूप में मनाने की मांग की है। कहा कि माघ मेला गत वर्षों से विस्तार लेता जा रहा है। मेले में अधिकांश व्यापारी बाहरी राज्यों से पहुंचते हैं। लेकिन इस वर्ष पूरे विश्व में कोविड-19 संक्रमण का खातरा बना हुआ है। यदि बहारी व्यापारी यहां व्यापार करने आते हैं तो महामारी से बचना असंभव होगा। शुक्रवार को नगर व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को एक ज्ञापन प्रेषित किया। जिसमें उन्होंने डीएम से माघ मेले को पौराणिक स्वरूप में आयोजित करने की मांग की। व्यापार मंडल के अध्यक्ष रमेश चौहान ने बताया कि जनपद का माघ मेला उत्तरकाशी जिले का पौराणिक मेला है। जिसे बाड़ाहाट का थोलू के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन गत वर्षों से आयोजित संस्था जिला पंचायत इसे निंरतर विस्तार देती आ रही है। कहा कि 14 जनवरी मकर संक्राति से प्ररांभ होने वाला यह मेला सात दिनों तक आयोजित होता है। जिसमें दिल्ली, मुराबाद, सहरानपुर, ऋषिकेश, देहरादून, मेरठ, गाजियाबाद, हरिद्वार सहित देश भर के विभिन्न हिस्सों के व्यापारी व्यापार करने को पहुंचते हैं। लेकिन इस वर्ष पूरे विश्व में कोविड 19 के संक्रमण का खतरा बना है। यदि इस वर्ष मेले में बाहर के व्यापारी आते हैं, तो महामरी से बचना असंभव होगा। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी ज्यादा बढ़ेगा। जिसके लिए उन्होंने माघ मेले को पौराणिक रूप से आयोजित करने की मांग की है। ज्ञापन में व्यापार मंडल के महामंत्री मनमोहन थलवाल, मानसिंह गुसांई, विकास, सूरी, दिनेश रावत आदि मौजूद थे।

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