वेस्ट सामग्री प्रबंधन बन सकता हैं आर्थिकी का आधार-डा़बत्रा
‘प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबन्धन’ विषय पर किया सेमिनार का आयोजन
हरिद्वार। एस़एमज़े़एऩक कलेज में आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ तथा साहस संस्था के संयुक्त तत्वाधान में ‘प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबन्धन’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें साहस संस्था के प्रतिनिधि, महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेज के प्राचार्य डा़सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि टीम अविरल द्वारा प्लास्टिक के प्रबन्धन की पहल अत्यन्त सराहनीय है तथा साहस संस्था बढ़-चढ़कर प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबन्धन में अहम भूमिका निभा रही है। गंगा हमारी सांस्तिक, आर्थिक एवं धार्मिक पहचान है। उसे स्वच्छ एवं निर्मल करने के लिए अविरल प्रोजेक्ट जैसे कार्यक्रम अत्यन्त लाभप्रद हैं। डा़बत्रा ने छात्र-छात्राओं से सिंगल यूज प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करने आह्वान करते हुए कहा कि वेस्ट सामग्री प्रबन्धन वर्तमान में सबसे बड़ी आवश्यकता है तथा इसे आर्थिकी विकास का आधार भी बनाया जा सकता है। वेस्ट से बेस्ट प्रबन्धन की ओर चलने से हमे जहाँ एक ओर पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद मिलेगी और इसे आजीविका के साधन के रुप में भी अपनाया जा सकता है।
प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए विशाल जायसवाल ने कहा कि छात्र-छात्रा चाहें तो अविरल प्रोजेक्ट से जुड़ सकते हैं। इससे न केवल उन्हें वित्तीय लाभ होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व भी पूरा होगा।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा़संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि अविरल प्रोजेक्ट के द्वारा गीला व सूखा कचरा के सम्बन्ध में जो जागरुकता उत्पन्न की गयी है। वह अत्यन्त सराहनीय है और हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों में अविरल प्रोजेक्ट की उपस्थिति संतोषप्रद है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए विनय थपलियाल ने कहा कि इंग्लैण्ड का उदाहरण हमारे सामने है। जिन्होंने अपने यहां पर्यावरण संरक्षण को सांस्तिक आयामों से जोड़ते हुए सफलता अर्जित की है। इस अवसर पर मुख्य रुप से डा़विजय शर्मा, सात्विक, डा़निविन्धया शर्मा, डा़पदमावती तनेजा, डा़अमिता मल्होत्रा, डा़प्रज्ञा जोशी, नेहा गुप्ता, रिकंल गोयल, डा़ लता शर्मा, रिचा मिनोचा, विनीत सक्सेना, प्रिंस श्रोत्रिय, महिमा व प्रिंयका आदि उपस्थित थे।