कब सुधरेगी सेराघाट मार्ग की हालत
अल्मोड़ा। जिला मुख्यालय से पिथौरागढ़, बागेश्वर जनपद को जोड़ने वाली बाड़ेछीना सेराघाट 48 किलोमीटर मोटर मार्ग विभाग की अनदेखी के कारण खस्ताहाल बनता जा रहा है। पर्यटन सीजन के बीच मोटर मार्गों की खस्ता हालत सैलानियों तथा आमजन के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। पर्यटक भी इस मार्ग से आने जाने में गुरेज करने लगे हैं। बरसात आने की तैयारी है मगर अभी तक पिछली बरसात से सड़कों पर आया मलवा नहीं हटाया गया है और ना ही नालियां खोली गई हैं। मालूम हो कि यह मोटर मार्ग अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग है। यहाँ प्रतिदिन गंगोलीहाट, पाताल भुवनेश्वर, विमलकोट, बेरीनाग, चौकड़ी, थल, डीडीहाट, मुनस्यारी, बागेश्वर, धारचूला, कैलाश मानसरोवर, आदि कैलाश यात्रा आदि स्थानों के लिए सैकड़ों छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। दुर्घटनाओं की दृष्टि से संवेदनशील इस सड़क पर विभाग और सरकार की नजर नहीं पड़ रही है। आदि कैलाश व कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्वपूर्ण मार्ग होने के बावजूद सड़क की सुरक्षा की अनदेखी के चलते आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। बारिश के दौरान गड्ढों में पानी भर जाना आम बात है। सड़क पर जमा मलवा दुर्घटनाओं को दावत दे रहा है। वहीं निजी टेलीफोन कंपनियों द्वारा केबल लाइन बिछाने के लिए बेतरतीब ढंग से सड़क की खुदाई के बाद 3 साल से नालियां नहीं बन पाई हैं। पानी की सही से निकासी नहीं होने से बारिश के दौरान पानी सड़कों पर बहता रहता है जो सड़कों पर डामर को भी नुकसान पहुंचा रहा है और सड़क की दीवारों को नुकसान पहुंचा रहा है।
जिला पंचायत सदस्य संजय वाणी ने कहा इस सड़क में यात्रा करना मुश्किल हो गया है। सड़क पर गड्ढे होने से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बदहाल सड़कें दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं। भैसियाछाना ब्लक प्रधान संगठन अध्यक्ष चंद्र सिंह मेहरा ने बताया पिछले बरसात से अब तक सड़कों से मलवा नहीं हटाया गया और ना ही नालियां खोली गई और 2 साल से गड्ढों का नहीं भर पाना जनप्रतिनिधियों और सरकार की नाकामियों को दर्शा रहा है। सड़कों की हालत देख पर्यटक भी अपना रास्ता बदल रहा है। पर्यटन व्यवसाई शिवराज बोरा ने कहा धौलछीना बाजार के पास वृद्घ जागेश्वर मार्ग में पानी निकासी नहीं होने से पूरे बाजार में कीचड़ व धूल से काफी परेशानी हो रही है। कई बार विभागीय अधिकारियों व जिला अधिकारी को समस्या से अवगत करा दिया है, मगर कोई भी सुनने को तैयार नहीं है।